गोपी कृष्ण कुंवर
लोहरदगा : शहर में बाइपास सड़क का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने के कारण लोगों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लोहरदगा क्षेत्र में लगभग 2 हजार बॉक्साइट ट्रकें हैं जो प्रतिदिन बॉक्साइट लेकर शहर के बीच से गुजरती हैं. यात्रा ी बसों का भी परिचालन शहर के बीच से ही होता है. शहर की सड़कें सकीर्ण हैं. आये दिन जाम लगता है.
प्रदूषण की समस्या लगातार गहराती जा रही है. वाहनों के परिचालन से उड़ने वाले धूलकण लोगों को असमय ही मौत के मुंह में भेज रहा है. प्रतिदिन कोई न कोई दुर्घटना होते रहती है. जनता की परेशानियों को देखते हुए ही तत्कालीन विधायक सुखदेव भगत ने इस योजना का शिलान्यास किया था. लोगों में एक उम्मीद जगी थी कि बाइपास सड़क का निर्माण हो जाने से शहर से भारी वाहनों का परिचालन लगभग बंद हो जायेगा.
दो करोड़ पांच लाख रुपये की लागत से बनने वाले इस बाइपास सड़क का काम शुरू होने के साथ ही बंद हो गया. ठेकेदार कोर्ट में चला गया और अधिकारी कोर्ट का मामला बता कर इसे भूल गये. बाइपास सड़क का निर्माण ओयना मोड़ से बक्सीडीपा तक होना था. 12 किमी की इस सड़क के बन जाने से काफी राहत होती. चूंकि पथ का निर्माण दो चरण में किया जाना था, लेकिन जब प्रथम चरण में ही संवेदक काम पूरा नहीं कर पाया तो दूसरा चरण शुरू ही नहीं हुआ. नतीजतन आज भी लोहरदगा जैसे बॉक्साइट नगरी में एक बाइपास सड़क का निर्माण कार्य तमाम राजनीतिक दल के लोग एवं जन प्रतिनिधि नहीं करा सके.