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झोला छाप डॉक्टरों के भरोसे जिंदगी
कैरो : कैरो प्रखंड को दर्जा मिले नौ साल हो गये है. इसके बावजूद प्रखंड के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल रही है. लोगों को छोटी-मोटी बीमारियों में भी बाहर जाना पड़ता है. प्रखंड क्षेत्र के कई गांव ऐसे हैं, जो पूर्णत: आदिवासी बहुल गांव है. इन गांवों में स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर […]
कैरो : कैरो प्रखंड को दर्जा मिले नौ साल हो गये है. इसके बावजूद प्रखंड के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल रही है. लोगों को छोटी-मोटी बीमारियों में भी बाहर जाना पड़ता है. प्रखंड क्षेत्र के कई गांव ऐसे हैं, जो पूर्णत: आदिवासी बहुल गांव है. इन गांवों में स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है.
यदि इन गांवों के लोगों के घर में कोई बीमार पड़ जाये, तो उसे भगवान भरोसे बचाया जा सकता है. प्रखंड मुख्यालय से कुडू व भंडरा की दूरी 12 किमी है. दोनों तरफ की सड़कें बदहाल है, जिससे लोगों को कैरो क्षेत्र से बाहर निकलने में परेशानी होती है. सिर्फ नगजुआ रेलवे स्टेशन से लोगों का आना-जाना अधिकतर होता है. स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं होने से यहां झोला छाप डॉक्टरों के भरोसे लोग अपना इलाज कराते है. मरीज ठीक हो या न हो क्षेत्र के झोला छाप डाॅक्टर फल फूल रहे है.
अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र का भवन हो रही है जर्जर: प्रखंड क्षेत्र को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया हो, इसके लिए 2010-11 में एक करोड़, 11 लाख की लागत से अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कार्य शुरू किया गया था. लेकिन यह योजना अधर में लटक गया. अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र का भवन अधूरे पड़े जर्जर होने की स्थिति में आ गयी है. असामाजिक तत्वों द्वारा भवन में लगायी गयी खिड़की दरवाजा तोड़ दिये गये. भवन में लगायी गयी पाइप क्षतिग्रस्त कर दी गयी है. भवन बनाने में सरकारी राशि बर्बाद हुई है.
भवन निर्माण तत्काल पूर्ण करने व स्वास्थ्य सुविधा बहाल करने को लेकर तत्कालीन सिविल सर्जन एमएम सेन गुप्ता द्वारा प्रयास किया गया था. उन्होंने विभाग को तत्काल भवन पूर्ण कर स्वास्थ्य विभाग को सौंपने की बात भी कही थी, लेकिन उनके स्थानांतरण के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया.
प्रतिमाह 800 से 900 मरीज पहुंचते है स्वास्थ्य केंद्र: स्वास्थ्य उप केंद्र कैरो में एक डॉक्टर, एक एएनएम, एक नर्स तथा दो जीएनएम के भरोसे स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है. यहां प्रतिमाह 800 से 900 मरीज स्वास्थ्य केंद्र पहुंचते हैं.
सितंबर माह में 852 मरीज स्वास्थ्य केंद्र इलाज के लिए पहुंचे. 20 महिलाएं प्रसव के लिए भी पहुंची. इस संबंध में पदस्थापित डॉक्टर राकेश कुमार का कहना है कि जब तक अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र संचालित नहीं होगा व डॉक्टरों व कर्मियों का पदस्थापन नहीं होगा, तब तक स्वास्थ्य सुविधाओं को व्यवस्थित करना कठिन काम है. उन्होंने बताया कि कैरो में पदस्थापित होते हुए भी उन्हें कुडू प्रखंड के सिंजो स्वास्थ्य केंद्र में दो दिन सेवा देनी पड़ती है.
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