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स्कूलों में हो रही घटिया फर्नीचर की आपूर्ति
लातेहार : जिले के सरकारी स्कूलों में फर्नीचर सप्लाई में सभी मापदंडों को नकार कर आपूर्तिकर्ताओं से घटिया उपस्करों की खरीद की जा रही है. जिले के कई स्कूलों में तो सप्लायरों ने लो-थिकनेस पाइप में लोहे का बुरादा भर कर मापदंड के अनुरूप वजन का दावा कर बेंच-डेस्क सप्लाई की है. जिले में करीब […]
लातेहार : जिले के सरकारी स्कूलों में फर्नीचर सप्लाई में सभी मापदंडों को नकार कर आपूर्तिकर्ताओं से घटिया उपस्करों की खरीद की जा रही है. जिले के कई स्कूलों में तो सप्लायरों ने लो-थिकनेस पाइप में लोहे का बुरादा भर कर मापदंड के अनुरूप वजन का दावा कर बेंच-डेस्क सप्लाई की है. जिले में करीब पांच करोड़ रुपये मूल्य के फर्नीचर चालू वित्तीय वर्ष में विद्यालय प्रबंधन समिति को खरीदनी है. वित्तीय वर्ष की समाप्ति की अंतिम तिथि देख समिति द्वारा फर्नीचरों की खरीद में जल्दबाजी की जा रही है. सप्लाई के इस खेल में सफेदपोश एवं सक्रिय उग्रवादियों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं.
इनके प्रभाव एवं भय से शिक्षकों ने गुणवत्ता से समझौता किया है. लोगों का कहना है कि अधिसंख्य शिक्षक व समिति तो कमीशनखोरी के चक्कर में निम्न गुणवत्ता वाले फर्नीचर की खरीद कर रहे हैं. सदर प्रखंड के इचाक पंचायत के कई स्कूलों में लो-थिकनेस वाली टीन के पाइप में पत्थर का बुरादा भर वेल्डिंग की गयी है. इस पर रहस्य तब उठा जब कक्षाओं में सजाने के क्रम में एक डेस्क की पाइप टकराकर मुड़ गयी और टिन फट गया. जानकारों का कहना है कि जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में ऐसे फर्नीचरों की अधिक सप्लाई की गयी है. इस बाबत जब जिला शिक्षा अधीक्षक मसूदी टूडू को फोन किया गया तो उनका फोन बंद पाया गया.
जिला परिषद चेयरमैन सुनीता देवी का कहना है दर्जन से अधिक सरकारी स्कूलों में जांच के दौरान पता चला कि घटिया फर्नीचर की आपूर्ति हुई है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन एवं डीएसइ इस मामले में जानकारी के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.
जांच के बाद होगा भुगतान : डीएसइ
इस संबंध में जिला शिक्षा अधीक्षक मसूदी टूडू ने कहा कि घटिया डेस्क-बेंच आपूर्ति की सूचना प्राप्त हुई है. इसकी जांच की जा रही है. जांच करने के बाद ही भुगतान किया जायेगा. उन्होंने बताया कि हजारीबाग से डेस्क-बेंच आपूर्ति किये जाने की भी शिकायत प्राप्त हुई है. जबकि डेस्क-बेंच आपूर्ति में स्थानीय कारीगरों को प्रमुखता देना है.
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