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यातायात नियमों की अवहेलना से बढ़ रहे सड़क हादसे

40 दिन में चार की मौत, दर्जनों हो चुके हैं घायल सुमित कुमार चंदवा : प्रखंड समेत आसपास के क्षेत्रों में इन दिनों सड़क दुर्घटना में वृद्धि हुई है. दुर्घटना के कारण कई परिवार की खुशियां छीन रही है. आये दिन सड़क दुर्घटना प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गयी है. दुर्घटना के शिकार लोगों के […]

40 दिन में चार की मौत, दर्जनों हो चुके हैं घायल

सुमित कुमार

चंदवा : प्रखंड समेत आसपास के क्षेत्रों में इन दिनों सड़क दुर्घटना में वृद्धि हुई है. दुर्घटना के कारण कई परिवार की खुशियां छीन रही है. आये दिन सड़क दुर्घटना प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गयी है.

दुर्घटना के शिकार लोगों के परिजनों का क्रंदन देख गला भर जाता है. इसके बावजूद लोग नहीं चेत रहे. दुर्घटना के मुख्य कारणों में वाहनों की तीव्र गति व यातायात नियमों का पालन नहीं करना है. चंदवा प्रखंड एनएच 99 व 75 (अब 39) पर स्थित है. यहां पिछले 40 दिन के भीतर सड़क दुर्घटना में चार लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि दर्जनों लोग घायल हुए हैं.

हाल के दिनों में हुई दुर्घटना

एक नवंबर से अब तक दर्जनों सड़क दुर्घटना हो चुकी है. एक नवंबर को बाइक से गिर कर एक महिला बुरी तरह घायल हो गयी. तीन नवंबर को सीएमएम रोड में ऑटो से टक्कर के बाद लोहरसी निवासी हरमू महतो की मौत हो गयी. वह घर का एकमात्र कमाऊ सदस्य था.

15 नवंबर को रांची के तुपुदाना में राज विनीत की सड़क हादसे में हुई मौत ने चंदवा वासियों को झकझोर कर रख दिया. वह भी घर का अकेला कमाऊ सदस्य था. पांच दिसंबर को परहिया टोला में ऑटो पलटने से महिला समेत चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गये. 14 दिसंबर को तीन सड़क दुर्घटना घटी. जिसमें दो लोगों की जान चली गयी. उसी दिन रात करीब 8.30 बजे सासंग गांव के समीप बारात जा रहा एक ऑटो पलट गया. जिससे छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गये. उपचार के दौरान प्रशांत गंझू (दुधीमाटी) की मौत हो गयी.

वाहनों की गति पर लगाम लगेगा : थाना प्रभारी

थाना प्रभारी रतन कुमार सिंह ने कहा कि यातायात नियमों का पालन नहीं करने से हादसों में वृद्धि हुई है. शहर में गति सीमा व बड़े वाहनों का प्रवेश संबंधी दिशा-निर्देश जारी किया गया है, बावजूद लोग नहीं मानते. शराब पीकर वाहन चलाना भी एक मुख्य कारण है.

बड़े वाहन की द्रुत गति के कारण कई बार छोटे वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं. वाहन जांच कर गति पर लगाम लगाया जायेगा. दुर्घटना रोकने के लिए प्रशासन हरसंभव प्रयत्नशील है. उन्होंने बच्चों को वाहन नहीं देने की अपील अभिभावकों से की है.

सीएचसी में सुविधा का अभाव

कहने को चंदवा अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है पर यहां सुविधा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जैसी है. चिकित्सक, नर्स, ड्रेसर की कमी है. जीवन रक्षक दवाअों का अभाव है. अब तक एक्स-रे की सुविधा भी बहाल नहीं हो पायी है. अस्पताल के पास एक भी एंबुलेंस नहीं है.

हर बार दुर्घटना के बाद एंबुलेंस की खोज की जाती है. फिलवक्त सरकार द्वारा प्रदत एक एंबुलेंस (निर्मला स्वास्थ्य केंद्र) ही काम कर रहा है. निष्ठा फाउंडेशन को एक एंबुलेंस मिला है, पर उसका कागजात अब तक नहीं मिल पाया है.

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