जावेद इसलाम
बरही : बरही में निर्माणाधीन डीवीसी स्वर्ण जयंती पेयजल आपूर्ति योजना की प्रगति चिंताजनक है. इसका निर्माण 2009-10 में डीवीसी के प्रदत्त कोष से शुरू हुआ था. संपूर्ण योजना का 20 प्रतिशत भी काम नहीं हुआ है. निर्माण कार्य की गति कछुआ चाल को भी मात कर रही है. इंटक बेल, पानी टंकी गैंगवे का निर्माण नहीं हुआ.
राइजिंग लाइन का मेन पाइप व जन वितरण पाइप बिछाया ही नहीं गया है. इन सबके निर्माण का जिम्मा पीएचइडी का है. निर्माण राशि डीवीसी दे रही है. डीवीसी के जिम्मे केवल डब्ल्यू टीपी का निर्माण करना है.
10.5 करोड़ से बढ़ कर लागत 17 करोड़ हुई : निर्माण कार्य समय से पूरा नहीं होने के चलते लागत में वृद्धि हो गयी है. आरंभ में इसकी लागत 10.5 करोड़ की थी. डीवीसी के सिविल विभाग ने योजना का सर्वे व प्राक्कलन तैयार किया था. पूर्व योजना के अनुसार इस जलापूर्ति प्लांट का निर्माण डीवीसी करती व इसकी व्यवस्था का संचालन का जिम्मा पीएचइडी को सौंप देती. मगर निर्माण का भी जिम्मा पीएचइडी ने खुद उठा लिया.
पीएचइडी ने वर्ष 2012 में सर्वे कर योजना की लागत बढ़ा कर 17 करोड़ कर दिया. योजना का री टेंडर हो गया है. मगर निर्माण कार्य में प्रगति नहीं दिख रही है. संवेदक अभी पानी टंकी का बुनियाद भी तैयार नहीं कर पाये हैं.
अधूरा डब्ल्यूटीपी : डब्ल्यूटीपी अर्थात वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का कुछ काम हुआ है,पर यह भी पूर्ण नहीं हो पाया है. इसका निर्माण डीवीसी अपने स्तर से कर रही है. डब्ल्यूटीपी का निर्माण कार्य डीवीसी अलग से वहन कर रही है.
योजना में हेरफेर की आशंका : इस महत्वाकांक्षी जलापूर्ति योजना के प्रस्तावित प्रारूप में हेरफेर कर दिये जाने से यह आशंका होने लगी है कि इसका हश्र पूर्ववर्ती दोनों जलापूर्ति योजनाओं की तरह न हो जाये. मालूम हो कि 2003 में भी 2.20 करोड़ की लागत से बरही संवर्धित जलापूर्ति योजना का निर्माण हुआ. यह भी पूरी तरह कारगर नहीं हो पाया है.
एक लाख गैलन क्षमता वाला जलमीनार सही जगह पर नहीं होने से संपूर्ण बरही नगर को पानी नहीं मिल पाता है.17 करोड़ की लागत वाली इस नयी स्वर्ण जयंती योजना के पानी टंकी का निर्माण जवाहर पहाड़ी पर नहीं करके,पुराने जलमीनार के पास किया जा रहा है. इससे यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि यह नयी योजना भी कहीं बिना काम का साबित न हो.
रहनुमाओ का ध्यान नहीं : इस महती जलापूर्ति योजना का सही-सही निर्माण हो, इसे लेकर किसी रहनुमा की चिंता नहीं दिखती. जबकि इस योजना के इंटेक वेल के शिलान्यास के दौरान 27 सितंबर 2013 को वर्तमान विधायक अकेला यादव,पूर्व विधायक मनोज कुमार भिड़ गये थे जो आज भी चर्चा का विषय बना रहता है.