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डिफॉल्टर पैक्स पर कसेगा शिकंजा, नहीं मिलेगा काम

कोडरमा : धान क्रय को लेकर पहले सक्रिय भूमिका निभाने व बाद में लाखों रुपये दबा कर रखने वाले पैक्सों को धान खरीदारी का काम नहीं मिलेगा. पिछले वर्ष धान क्रय को लेकर सामने आयी शिकायतों के बाद इस वर्ष प्रशासन ने सख्ती की तैयारी कर ली है. उपायुक्त संजीव कुमार बेसरा ने जिला सहकारिता […]

कोडरमा : धान क्रय को लेकर पहले सक्रिय भूमिका निभाने व बाद में लाखों रुपये दबा कर रखने वाले पैक्सों को धान खरीदारी का काम नहीं मिलेगा. पिछले वर्ष धान क्रय को लेकर सामने आयी शिकायतों के बाद इस वर्ष प्रशासन ने सख्ती की तैयारी कर ली है. उपायुक्त संजीव कुमार बेसरा ने जिला सहकारिता विभाग को स्पष्ट निर्देश दिया है कि डिफॉल्टर पैक्सों को किसी भी हाल में धान क्रय का काम नहीं दिया जाये. ऐसे समय में जब इस वर्ष हुई अच्छी बारिश के कारण धान की पैदावर बढ़ने की पूरी उम्मीद है तो प्रशासन भी धान की खरीदारी को लेकर अभी से तैयारी में जुट गया है. हालांकि, जिले के विभिन्न पैक्सों से निजी एजेंसी ही धान की खरीदारी करेगी. निजी एजेंसी का चयन राज्य मुख्यालय के द्वारा ही कर लिया गया है. जिले में धान क्रय का कार्य किस पैक्स को मिलेगा इसे निर्धारित करने का कार्य अंतिम चरण में है.
जानकारी के अनुसार सहकारिता विभाग की ओर से तैयार की गयी सूची में कुछ डिफाल्टर पैक्स का नाम होने की जानकारी डीसी को मिली, तो उन्होंने ऐसे डिफाल्टर पैक्सों को स्पष्ट रूप से काम नहीं देने का निर्देश दिया है. बताया जाता है कि वर्ष 2015-16 में धान अधिप्राप्ति के बाद पूरा धान पैक्सों द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया. ऐसे में खाद्य सावर्जनिक विरतरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने इन पैक्सों के विरुद्व प्राथमिकी या सर्टिफिकेट केस करने का निर्देश दिया था. इस निर्देश के आधार पर जिला सहकारिता पदाधिकारी ने बीते दो नवंबर को पत्र जारी कर कोडरमा पैक्स, नावाडीह पैक्स, शिवपुर पैक्स, जामू पैक्स, बेहराडीह पैक्स जयनगर को पत्र जारी किया और पैक्सों के पास बचे धान के समतुल्य राशि पत्र प्राप्ति के दो दिनों के अंदर जमा करने को कहा, पर इसके बाद भी पैक्सों के अध्यक्ष ने इसमें रुचि नहीं ली. यही कारण रहा कि बड़े बकायेदार पैक्सों पर तो तुरंत सख्ती बरतते हुए डीसी ने प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया और बाकी से भी वसूली का निर्देश दिया है.
निबंधित किसानों से ही लिये जायेंगे धान
पिछले साल से अलग इस बार धान खरीदारी को लेकर नियम बदल गये हैं. बिचौलियों की भूमिका खत्म करने को लेकर सिर्फ रजिस्टर्ड किसानों से ही पैक्सों में धान की खरीदारी की जायेगी. उपायुक्त संजीव कुमार बेसरा ने बताया कि पैक्स सीधे संबंधित एजेंसी से टैग रहेंगे और धान का पैसा सीधे किसानों के खाते में जायेगा. इसको लेकर निबंधन व आधार कार्ड से जोड़ने का काम चल रहा है. दस हजार किसानों ने निबंधन के लिए आवेदन लिया था. इसमें से 3749 ने फॉर्म भरे थे, 1285 के आवेदन सही हैं. बाकी सुधार के लिए कार्य चल रहा है. उन्होंने बताया कि इस बार किसानों को प्रति क्विंटल एमएसपी 1470 रुपये मिलेगा. साथ ही 130 रुपये अतिरिक्त दिये जायेंगे. ज्ञात हो कि पिछले वर्ष किसानों को एमएसपी 1410 रुपये मिला था और धान खरीदारी का लक्ष्य 32 हजार क्विंटल निर्धारित था.
एक पर प्राथमिकी, दूसरे पर रहम
इधर, धान खरीदारी के बाद लाखों रुपये दबा कर रखने के मामले में पैक्सों के विरुद्व कार्रवाई को लेकर सहकारिता विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ गये हैं. खरीफ विपणन मौसम वर्ष 2015-16 में धान अधिप्राप्ति की राशि गबन करने का आरोप दो बड़े पैक्सों के विरुद्ध सामने आया. सतगावां प्रखंड के शिवपुर पैक्स व डोमचांच प्रखंड के नावाडीह पैक्स के अध्यक्ष के विरुद्ध बीते नौ नवंबर को ही राशि गबन करने की प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश जिला सहकारिता पदाधिकारी ने जारी किया. आरोप है कि शिवपुर पैक्स अध्यक्ष ने 27 लाख 24 हजार व नावाडीह पैक्स अध्यक्ष ने 64 लाख 28 हजार धान खरीद की राशि का गबन किया. इस निर्देश के बाद सतगावां में शिवपुर पैक्स अध्यक्ष सुधाकर कुमार पर थाना में प्राथमिकी तो दर्ज करा दी गयी, लेकिन शनिवार देर शाम तक नावाडीह पैक्स अध्यक्ष पर प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई.
बताया जाता है कि शिवपुर पैक्स अध्यक्ष ने बकाये में से ढाई लाख और नावाडीह पैक्स अध्यक्ष ने करीब आठ लाख रुपये जमा करा दिये. विभाग नावाडीह पैक्स अध्यक्ष पर रहम कर रहा है, जबकि शिवपुर पैक्स अध्यक्ष पर पहले एफआइआर करा दिया. इस संबंध में पूछे जाने पर सहकारिता पदाधिकारी चंद्रजीत खलको ने बताया कि नावाडीह पैक्स अध्यक्ष ने पैसा जमा कराने की बात कही है. अगर जल्द ही पैसा जमा नहीं होगा, तो सोमवार को उन पर भी प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी. इधर, इन पैक्स अध्यक्षों का तर्क है कि धान खरीदारी के महीनों बाद संबंधित एजेंसी ने धान का उठाव किया. इस दौरान रखे-रखे कई क्वीटंल धान खराब हो गए तो कई क्विंटल धान सूख गये. विभाग बिना नुकसान के आकलन कर उन पर लाखों रुपये बकाया दिखा रहा है. विभाग नुकसान का आकलन कर भुगतान करने को कहता है तो राशि जमा कर दी जायेगी.
इन पैक्सों को किया गया है शार्टलिस्ट
जानकारी के अनुसार बीते दिन धान क्रय को लेकर हुई बैठक में कुछ पैक्सों को धान खरीदारी को लेकर शार्टलिस्ट कर लिया गया है. इसमें सतगावां प्रखंड से बासोडीह पैक्स, कोडरमा पैक्स, चंदवारा पैक्स, डोमचांच पैक्स, मरकच्चो प्रखंड में जामू पैक्स, जयनगर प्रखंड में सतडीहा व बेहराडीह पैक्स शामिल हैं. इनमें से कुछ पैक्सों पर हजारों रुपये अभी भी बकाया है. इसके बावजूद इनके नाम का शार्ट लिस्ट किया जाने सवाल उठा रहा है. हालांकि, पूछे जाने पर उपायुक्त संजीव कुमार बेसरा ने कहा कि अभी बीडीओ को संबंधित पैक्सों का निरीक्षण कर गोदाम व अन्य सुविधाओं की जानकारी देने को कहा गया है. डिफाल्टर पैक्स को किसी भी हाल में क्रय का काम नहीं मिलेगा.

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