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नोटबंदी से बढ़े खाद्य पदार्थों के दाम

झुमरीतिलैया : केंद्र सरकार द्वारा पांच सौ व हजार के पुराने नोट को बंद किये जाने की घोषणा के बाद जहां बैंकों से लेकर एटीएम में लोगों की भीड़ उमड़ रही है, वहीं अब इसका सीधा असर बाजार पर दिखने लगा है. पहले लोग अपने पुराने नोट बदलवाने व छोटे नोट लेने के चक्कर में […]

झुमरीतिलैया : केंद्र सरकार द्वारा पांच सौ व हजार के पुराने नोट को बंद किये जाने की घोषणा के बाद जहां बैंकों से लेकर एटीएम में लोगों की भीड़ उमड़ रही है, वहीं अब इसका सीधा असर बाजार पर दिखने लगा है. पहले लोग अपने पुराने नोट बदलवाने व छोटे नोट लेने के चक्कर में फंसे रहें और जब बाजार जा रहे हैं, तो उन्हें महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है. बड़े नोट अचानक बंद किये जाने से ट्रांसपोर्टिंग का काम लगभग ठप होने से स्थिति बनी है.
शहर के दुकानदारों के अनुसार कुछ खाद्य पदार्थ के दाम अप्रत्याशित रूप से बढ़े हैं. दुकानदारों की मानें तो नोटबंदी का सबसे अधिक असर सामान की बिक्री से लेकर आवक पर पड़ा है. बाजार में जिसके पास स्टॉक है, वह तो किसी तरह सामान बेच रहा है, लेकिन जिसके पास स्टॉक नहीं है, वह कम ही माल खरीद पा रहे है. स्थानीय कारोबारी से ऐसे में दुकानदारों की खरीदारी लागत बढ़ी है तो खुदरा बाजार में खाद्य पदार्थ के दाम बढ़ गये हैं. इन दिनों सबसे ज्यादा दाम बढ़ोतरी आम लोगों की जरूरत आटा, मैदा, सरसों तेल पर दिख रहा है.
आटा के दाम जहां थोक बाजार में दो रुपये तक बढ़े हैं, वहीं खुदरा बाजार में यह बढ़ोतरी प्रति किलो चार रुपये तक हो गयी है. यही हाल मैदा का है. थोक बाजार में दो रुपये का इजाफा हुआ है, तो खुदरा बाजार में चार रुपये प्रति किलो दाम बढ़ गये हैं. इसके अलावा चना सत्तू के दाम तो 30 से 35 रुपये प्रति किलो तब बढ़ गये हैं. आम लोगों की मानें, तो जब थोक बाजार में दो रुपये दाम बढ़ते हैं, तो खुदरा बाजार में चार रुपये प्रति किलो क्यों. इस बात पर व्यापारियों की अलग राय है. दुकानदारों की मानें तो थोक बाजार व खुदरा बाजार का ट्रेंड अलग है. ऊपर से नोटबंदी के कारण अलग से असर पड़ा है. बाजार में ज्यादा ग्राहक नहीं दिख रहे हैं, हालांकि जरूरत का सामान लोग जरूर खरीद रहे हैं.
व्यापारियों को उम्मीद, कुछ दिन में सुधरेगी स्थिति
नोटबंदी के बाद माल की आवक कम हुई है, तो सामान के दाम बढ़े हैं. इसका सीधा असर आम आदमी पर पड़ रहा है. शहर के किराना दुकान संचालकों, व्यवसायियों को उम्मीद है कि कुछ दिन में स्थिति में सुधार हो जायेगा. गोपाल भंडार के संचालक गोपाल मोदी के अनुसार नोटबंदी के बाद थोड़ा असर खाद्य पदार्थ के दाम पर पड़ा है. कुछ चीजों की ट्रांसपोर्टिंग नहीं होने के कारण दाम बढ़े हैं. हालांकि कई चीजों के दाम यथावत है. जैसे चावल के दर में अभी कोई इजाफ नहीं हुआ है. किराना दुकान संचालक श्यामसुंदर प्रसाद के अनुसार पहले के अपेक्षा खाद्य पदार्थों के दाम में दो से तीन प्रतिशत तक बढ़े हैं.
किसी में ज्यादा बढ़ोतरी हुई है तो किसी में कम. मां दुर्गा भंडार के संचालक दीपक बसंत के अनुसार खाद्य पदार्थ का दर कोई खास नहीं बढ़ा है. बड़े नोटों की बंदी के कारण बाजार में रौनक घटी है. ग्राहक कम आ रहे हैं. किराना दुकान संचालक महेंद्र मोदी, वर्णवाल किराना दुकान के संचालक राजकुमार मोदी के अनुसार बाहर से माल अभी कम आ रहा है. स्थानीय बाजार में जो स्टॉक है, उससे काम चल रहा है. इससे कुछ सामान के दाम बढ़े हैं.
पशुओं के चारा के दाम भी बढ़े
नोटबंदी के बाद खाद्य पदार्थ के साथ पशुओं के चारा के दाम भी बढ़ गये हैं. बाजार में जहां चोकर पहले 900 रुपये प्रति बोरा उपलब्ध था, वहीं अब 1150 रुपये बोरा मिल रहा है.
स्थानीय दुकानदार कौशिक कुमार की मानें तो गेहूं दर्रा करीब 15 दिन पहले 1800 रुपये प्रति क्विंटल था, जो अब 2100 रुपये हो गया है. चुन्नी चना पहले 2800 रुपये, अब 2900 रुपये क्विंटल हो गया है. इसके अलावा सरसों खली 26 रुपये प्रति किलो, तीसी खल्ली 65 रुपये ही है. मक्का का दर्रा पहले 15 रुपये था, जो अब 17 रुपये किलो हो गया है.

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