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पीजीएचएस का भवन जर्जर
मैदान में खुले आसमान के नीचे पढ़ती हैं छात्राएं जयनगर : एक ओर सरकार बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए रोज नयी योजनाएं शुरू कर रही है. वहीं दूसरी ओर परियोजना बालिका उवि जयनगर की 233 छात्राओं को स्कूल की चहारदीवारी के अंदर खुले आकाश के नीचे मैदान में पढ़ाई करना पड़ रहा है. […]
मैदान में खुले आसमान के नीचे पढ़ती हैं छात्राएं
जयनगर : एक ओर सरकार बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए रोज नयी योजनाएं शुरू कर रही है. वहीं दूसरी ओर परियोजना बालिका उवि जयनगर की 233 छात्राओं को स्कूल की चहारदीवारी के अंदर खुले आकाश के नीचे मैदान में पढ़ाई करना पड़ रहा है. भवन के अभाव में छात्राओं को इस समस्या से जूझना पड़ रहा है. वर्ष 1987 में बना विद्यालय भवन का छत का प्लाटर तो पहले ही गिर चुका था.
अब छत भी ऐसी स्थिति में है कि टूट-टूट कर उसका मलबा वर्ग कक्ष में गिर रहा है. यह छत कभी भी गिर सकता है. भयवश छात्राएं कक्षा में नहीं बैठती. शिक्षक भी अनहोनी की आशंका से इन्हें बरामद अथवा मैदान में बैठा कर पढ़ाने में मजबूर है. इस संबंध में प्रधानाध्यापक रामकृष्ण गोप ने बताया कि इस समस्या की कई बार लिखित व मौखिक सूचना विभाग को दी गयी है. इसके बावजूद इसका समाधान का विभाग की ओर से कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि वर्ग नौ में 127 व वर्ग 10 में 106 छात्राएं अध्ययनरत हैं.
शिक्षा विभाग को लिखेंगे : श्रीकांत: कार्यक्रम को लेकर विद्यालय पहुंचे जिप उपाध्यक्ष प्रतिनिधि सह छात्र आजसू जिलाध्यक्ष श्रीकांत यादव ने विद्यालय की जर्जर अवस्था को देखते हुए गहरी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि इस संबंध में उपायुक्त व शिक्षा विभाग को लिखा जायेगा. उन्होंने कहा कि जिप उपाध्यक्ष निर्मला देवी जिला बोर्ड की बैठक में भी इस मामले को रखेगी.
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