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तुगलकी फरमानों से राज्य में चिकित्सकों की संख्या घटी
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) व झासा कोडरमा इकाई की संयुक्त बैठक नौ बजे सुबह से रात नौ बजे तक ओपीडी के सरकारी आदेश को डॉक्टरों ने बताया तुगलकी, किया विरोध कोडरमा बाजार : सीएस कार्यालय में गुरुवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) व झासा कोडरमा इकाई की संयुक्त बैठक सिविल सर्जन डॉ बीपी चौरसिया की […]
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) व झासा कोडरमा इकाई की संयुक्त बैठक
नौ बजे सुबह से रात नौ बजे तक ओपीडी के सरकारी आदेश को डॉक्टरों ने बताया तुगलकी, किया विरोध
कोडरमा बाजार : सीएस कार्यालय में गुरुवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) व झासा कोडरमा इकाई की संयुक्त बैठक सिविल सर्जन डॉ बीपी चौरसिया की अध्यक्षता में हुई. बैठक में राज्य सरकार द्वारा सुबह नौ बजे से रात नौ बजे ओपीडी संचालित करने के नये निर्देश को चिकित्सकों ने तुगलकी फरमान बताते हुए कहा कि एक तरफ राज्य सरकार राज्य में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं कर रही है जबकि यह एक्ट कई राज्यों में लागू है.
ऊपर से हमें परेशान करने की नियत से इस तरह का फरमान जारी किया जा रहा है. 12 घंटे के ओपीडी को एक सिरे से नकारते हुए चिकित्सकों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि इन्हीं तुगलकी फरमानों के कारण राज्य में चिकित्सकों की संख्या में कमी आयी है.
बैठक में राज्य के कुल 42 चिकित्सा पदाधिकारियों को डीएसीपी को अवैध रूप से सरकार द्वारा रोके जाने पर इसकी निंदा करते हुए 2009 बैच के सभी चिकित्सा पदाधिकारियों का सेवा संपुष्टि व डीएसीपी लागू करने की मांग सरकार से करने समेत कई निर्णय लिये गये. बैठक में डीएस डॉ बिनोद कुमार, डॉ एसके झा, डॉ शरद कुमार, डॉ रमण कुमार, डॉ आरजेपी सिंह, डॉ सुजीत कुमार, डॉ आरके दीपक, डॉ सागर मणि, डॉ विकास कुमार, डॉ अभिलाषा गुप्ता, डॉ राजन कुमार, डॉ आशीष कुमार, डॉ मनोज कुमार, डॉ गोपाल प्रसाद मौजूद थे.
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