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न जनता से सरोकार, न सपने हुए साकार

राज्यसभा सांसद ने दो वर्ष पूर्व लिया था गोद, पर नहीं बदली तसवीर प्रशासनिक बेरुखी से पंचायत में बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं मरकच्चो : प्रखंड मुख्यालय से मात्र पांच से से किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है चोपनाडीह पंचायत. राज्यसभा सांसद प्रेमचंद गुप्ता ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत इस पंचायत को करीब […]

राज्यसभा सांसद ने दो वर्ष पूर्व लिया था गोद, पर नहीं बदली तसवीर
प्रशासनिक बेरुखी से पंचायत में बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं
मरकच्चो : प्रखंड मुख्यालय से मात्र पांच से से किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है चोपनाडीह पंचायत. राज्यसभा सांसद प्रेमचंद गुप्ता ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत इस पंचायत को करीब दो वर्ष पूर्व गोद लिया था. लोगों को आस बंधी थी की आजादी के बाद जो विकास के कार्य गांव में नहीं हुए हैं, वे अब हो जायेंगे, लेकिन तसवीर नहीं बदल सकी. हां, इतना जरूर है कि कुछ काम हुए हैं, पर वे ना मात्र के. लोगों की मानें तो जो सपने दिखाये गये थे, वे चकनाचूर हो गये हैं
चोपनाडीह पंचायत आज तक दूसरे पंचायत के लिए आदर्श नहीं बन सका. जानकारी के अनुसार 8 चिरागी गांव व 2 बेचिरागी मौजा को लेकर 10 राजस्व गांवों के इस पंचायत को आदर्श पंचायत बनाने की बात, तो दूर बुनियादी सुविधाएं भी अब तक नसीब नहीं है. पंचायत में चोपनाडीह, झलकडीह, जगदीशपुर, कोंडराडीह, बांसडीह, नगरितो, बेलाडीह व बभनडीह गांव को मिलाकर कुल 14 वार्ड हैं.
प्रभात खबर प्रतिनिधि ने चोपनाडीह को सांसद आदर्श ग्राम बनाने की घोषणा के बाद क्या हुआ काम की हालत जानने के लिए यहां के ग्रामीणों से उनकी राय ली, तो अधिकतर लोग निराश नजर आये. स्थानीय मुखिया मंजूर आलम, महादेव यादव बांसडीह, जान मोहम्मद बभनडीह, रामू यादव चोपनाडीह, देवनंदन यादव झलकडीह, शिवराम यादव बांसडीह, कैलाश शर्मा जगदीशपुर, रामचंद्र राणा झलकडीह, सुदामा राणा झलकडीह, सुभाष यादव जगदीशपुर, अजय यादव बेलाडीह समेत दर्जनों ग्रामीणों व किसानों ने बताया कि राज्यसभा सांसद समेत प्रशासन द्वारा गांव के सीधे सादे किसानों व ग्रामीण जनता को सपने दिखाये गये थे कि अब इस पंचायत में शहरों की तरह सभी तरह की सुविधाएं होंगी.
इसमें स्वास्थ्य केंद्र, आदर्श विद्यालय, पक्की सड़कें, सड़कों के किनारे गंदे पानी का बिखराव रोकने हेतु पक्की नालियां, सोलर स्ट्रीट लाइट, स्टेडियम, पार्क, शुद्ध पेयजल के लिए जलमीनार ऐसे ऐसे न जाने कितने सपने दिखाये गये, परंतु ऐसा कुछ हुआ नहीं, हां आदर्श ग्राम के नाम पर प्रखंड व जिले के पदाधिकारियों के चेहरों से रू-ब-रू होने का मौका खूब मिला. आज स्थिति यह है कि आज तक एक भी काम जमीन पर नहीं उतरा. टेलीफोन या किसी भी कंपनी का टावर पंचायत में या दूसरे पचयतों के सटे गांव में नहीं रहने के कारण संचार व्यवस्था से भी पूरी तरह कटा हुआ है.
क्षेत्र की विधायक सह मंत्री डाॅ नीरा यादव व स्थानीय मुखिया मंजूर आलम के प्रयास से पंचायत में 259 लाभुकों को पेंशन लाभ, 58 इंदिरा आवास व 735 शौचालय बनाये गये हैं. इसके अलावा आरइओ विभाग से चोपनाडीह से तेतरोन पथ की मरम्मत कार्य 88 लाख, बांसडीह से सोनेडीह तक पथ निर्माण 1.69 लाख, कटाही से बांसडीह तक पथ निर्माण कार्य 2.11 लाख की लागत से कराया जा रहा है.
आदर्श पंचायत की कल्पना सपने जैसा, विद्यालय भी नहीं बना आदर्श
चोपनाडीह पंचायत निवासी सुदामा राणा ने बताया कि सरकार ने यहां की जनता को धोखा देने का काम किया है. मध्य विद्यालय चोपनाडीह के 5.48 एकड़ जमीन का अतिक्रमण हो रहा है.
इसे आदर्श विद्यालय बनाने को लेकर किसी तरह की पहल नहीं हुई, तो आदर्श पंचायत की कल्पना सपने जैसा लगता है. जान मोहम्मद ने कहा कि हमारे पंचायत में किसी भी कंपनी का टावर नहीं रहने के कारण मोबाइल नहीं लगता है. प्रदेश में रह रहे परिजनों से बात करने अपने पंचायत से बाहर निकलना पड़ता है. पीएनटी फोन की सुविधा भी नहीं है, जिससे हमलोग देश दुनिया से कटे रहते हैं. महादेव यादव ने कहा कि पेयजल की भारी किल्लत है.
सिंचाई के लिए भी किसी तरह का आहर तालाब नहीं बना. अजय यादव ने बताया कि बिजली 24 घंटे में मात्र तीन से चार घंटे मिलती है, जिससे रात में पढ़नेवाले बच्चों को काफी परेशानी होती है. शिव राम यादव ने कहा कि अस्पताल में डाॅक्टर की बात तो दूर है, नर्स भी नहीं रहती. जिस नर्स की यहां पदस्थापना हुई होगी, लोग उसे पहचानते भी नहीं. इलाज की बात तो बहुत दूर है. सुभाष यादव ने बताया कि सब कुछ खानापूर्ति प्रक्रिया के तहत यहां काम हो रहा है. प्रशासन को यहां की जनता से कोई सरोकार नहीं है. कैलाश शर्मा ने कहा कि जनता को केवल सपने दिखाये गये.
आदर्श ग्राम पंचायत कहना मजाक जैसा लगता है. रामचंद्र राणा ने कहा कि गोद लेनेवाले सांसद से यहां की जनता को बहुत आशा थी, परंतु सब समाप्त हो गया. अभी तक एकबार सांसद महोदय यहां आये भी तो जेठ की दुपहरिया रहने के कारण स्वयं तुरंत अपने एसी कार में अंदर घुस गये. सुदामा ने बताया कि अब तक दो वर्षो में मध्य विद्यालय चोपनाडीह को अभिभावकों के सहयोग के बाद भी आदर्श विद्यालय नहीं बना सकी तो सरकार पूरे पंचायत को ही आदर्श बनाने की बात कर जनता के साथ मजाक ही कर रही है.

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