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नियुक्ति करनेवाले ही करेंगे जांच!

जांच समिति में स्थापना उप समाहर्ता भी शामिल डीएसइ ने लगाया है नियमों को नजरअंदाज करने का आरोप कोडरमा : जिले में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में हुई अनियमितता की जांच के लिए जो समिति बनी है, उसमें डीडीसी समेत चार पदाधिकारी हैं. इनमें से एक शिक्षक नियुक्ति के लिए हुई काउंसलिंग में वरीय पदाधिकारी थे. […]

जांच समिति में स्थापना उप समाहर्ता भी शामिल
डीएसइ ने लगाया है नियमों को नजरअंदाज करने का आरोप
कोडरमा : जिले में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में हुई अनियमितता की जांच के लिए जो समिति बनी है, उसमें डीडीसी समेत चार पदाधिकारी हैं. इनमें से एक शिक्षक नियुक्ति के लिए हुई काउंसलिंग में वरीय पदाधिकारी थे. मंत्री के निर्देश के बाद डीसी संजीव कुमार बेसरा ने एक पत्र जारी कर पूरी नियुक्ति प्रक्रिया की जांच के लिए 20 मार्च तक का समय निर्धारित करते हुए मंतव्य समेत प्रतिवेदन देने को कहा है.
जारी पत्र के अनुसार, जांच समिति में डीडीसी सूर्य प्रकाश, जिला शिक्षा पदाधिकारी पीपी झा, स्थापना उपसमहर्ता अजित निरल सांगा और जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को रखा गया है. इनमें से स्थापना उप समहर्ता सह डीडब्ल्यूओ अजित निरल सांगा नियुक्ति के लिए हुई काउंसलिंग में वरीय पदाधिकारी थे.
विवादों में रहे हैं स्थापना उप समाहर्ता : जांच समिति में शामिल स्थापना उप समहर्ता सह डीडब्ल्यूओ अजीत निरल सांगा पहले भी विवादों में रहे हैं. नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान बतौर डीडब्ल्यूओ वरीय पदाधिकारी के रूप में शामिल थे.
सितंबर 2015 में बिरहोरों को प्रशिक्षण देने के नाम पर हुई लाखों रुपये की गड़बड़ी व रांची के एनजीओ को लाभ पहुंचाने के मामले में भी इनका नाम आया था. लाखों के गलत बिल वाउचर पर उन्होंने हस्ताक्षर कर वाउचर पास किये थे. इनके विरुद्ध तत्कालीन उपायुक्त ने एसडीओ को जांच का आदेश दिया था. हालांकि, आरटीआइ के कागजात में सबूत होने के बावजूद एसडीओ ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है.
अन्नपूर्णा देवी ने खड़ा किया सवाल : भूतपूर्व मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने समिति में जांच समिति पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि जिस पदाधिकारी ने नियुक्ति की, उसी से जांच करायी जा रही है. इससे सरकार की मंशा स्पष्ट है.
मामला गंभीर, डीएसइ करें सहयोग : पत्र में डीसी ने लिखा है कि नियुक्ति में भारी पैमाने पर गड़बड़ी की सूचना मिल रही है. इसमें मुख्य रूप से शैक्षणिक हेतु निर्गत आवासीय प्रमाणपत्र के आधार पर आरक्षण का लाभ दिया गया है. उदाहरण के लिए सविता कुमारी गैर पारा वर्ग छह से आठ व मधु कुमारी वर्ग छह से आठ स्नातक विज्ञान पारा के अलावा शैक्षणिक प्राप्तांक बढ़ा कर मीनाक्षी कुमारी की नियुक्ति की शिकायत है, जो गंभीर मामला है.
ऐसे में जिला अंतर्गत कक्षा एक से पांच व कक्षा छह से आठ पारा व गैर पारा के लिए नवनियुक्त शिक्षकों की जाति, आवासीय, प्राप्तांक आदि की पुन: जांच करना जरूरी है. नवनियुक्त शिक्षकों के नियोजन के लिए निर्गत आवासीय प्रमाण पत्रों व अन्य शैक्षणिक प्रमाणपत्रों व प्राप्तांकों की जांच समिति करें. पत्र में यह भी कहा गया है कि डीएसइ जांच समिति को जांच के लिए वांछित संपूर्ण कागजात उपलब्ध करायेंगे और जांच में पूरा सहयोग करेंगे.

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