22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

समय के साथ बदली नृत्य कला की पसंद

युवा पीढ़ी को क्लासिकल शास्त्रीय स्लो नृत्य पसंद नहीं, शास्त्रीय नृत्य ही है जान झुमरीतिलैया : समय के साथ हर क्षेत्र में बदलाव आया है, तो कला का क्षेत्र इससे कैसे अछूता रह सकता है. बदलाव की बयार में नृत्य की कला को अगल पहचान मिल रही है. आजकल के युवाओं की पसंद भी बदल […]

युवा पीढ़ी को क्लासिकल शास्त्रीय स्लो नृत्य पसंद नहीं, शास्त्रीय नृत्य ही है जान
झुमरीतिलैया : समय के साथ हर क्षेत्र में बदलाव आया है, तो कला का क्षेत्र इससे कैसे अछूता रह सकता है. बदलाव की बयार में नृत्य की कला को अगल पहचान मिल रही है. आजकल के युवाओं की पसंद भी बदल रही है. इन सबके बीच नृत्य कला में कुछ नया कर गुजरना ही एक अलग पहचान दिलाता है. झारखंड के लोकप्रिय नृत्यकार विपुल नायक इनमें से एक हैं.
स्थानीय मॉडर्न पब्लिक स्कूल में सोमवार को यहां के बच्चों को नृत्य कला की बारीकी सिखाने पहुंचे विपुल नायक ने प्रभात खबर से बातचीत की. उन्होंने कहा कि आज के युवा वर्ग अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं. अपनी संस्कृति क्लासिकल, शास्त्रीय नृत्य, कथक नृत्य को भूलकर वेस्टर्न, वेलिट, जैस आदि नृत्य के प्रति इनका रुझान बढ़ रहा है. आज कल की युवा पीढ़ी क्लासिकल शास्त्रीय स्लो नृत्य पसंद नहीं करती है. इसे देखते हुए मैंने क्लासिकल नृत्य को फॉक नृत्य के साथ जोड़ा. ऐसे में अब युवाओं में क्लासिकल शास्त्रीय नृत्य के प्रति झुकाव बढ़ा है.
विपुल नायक ने बताया कि मॉडर्न पब्लिक स्कूल के बच्चों में नृत्य सीखने का उत्साह है. नृत्य में शरीर से ज्यादा चेहरे पर भाव दिखना चाहिए, वह यहां के बच्चों में दिखा है. वे स्कूल के वार्षिक उत्सव के लिए बच्चों को नृत्य नाटिका पर आधारित कृष्ण लीला की तैयारी करवा रहे हैं. उलेखनीय है कि विपुल को वर्ष 2010 में झारखंड रत्न से नवाजा गया था. इसके बाद जनवरी 2017 में इन्हें भिखारी ठाकुर सम्मान व अप्रैल में नेशनल कला साहित्य अवार्ड से सम्मानित जा चुका है. इसके अलावा इन्हें कई और पुरस्कारों से नवाजा गया है.
इन्होंने बताया कि पाकिस्तान को छोड़ कर विश्व के लगभग सभी देशों में बारहमासा नृत्य की प्रस्तुति कर अपने देश का नाम रौशन किया है. वे 21 से 30 दिसंबर को बारहमासा की प्रस्तुति के लिए चीन जा रहे हैं. माॅडर्न में बच्चों के नृत्य की बारीकी सिखाने के लिए विपुल के साथ रांची से दाऊ ज्योति नाहा (डीजे) व मैक्स आये हुए हैं. डीजे वेस्टर्न बॉलीवुड, अफ्रीकन जैस, वैलेट, बैली आदि नृत्य सिखायेंगे तो मैक्स चाइनीज फॉम, स्पेनिश व टैब डांसिंग सीखा रहे हैं. ज्ञात हो कि दाऊ ज्योति नाहा बॉलीवुड व बंगला फिल्म में कोरियोग्राफी कर चुके हैं. कलर्स टीवी पर प्रसारित इंडियाज गोट टैलेंट में फर्स्ट सेमीफाइनलिस्ट के साथ सोनी के इंटरटेनमेंट के लिए कुछ भी करेगा में भी सेमीफाइनलिस्ट रह चुके हैं.
डीजे ने बताया कि बहुत लोग यह सोच रखते हैं कि मोटापा के कारण डांस नहीं किया जा सकता है, पर मैंने इसके विपरीत प्रदर्शन कर आज साबित किया है कि मोटापा के बावजूद डांस में अपनी जगह बनायी जा सकती है. विपुल नायक व डीजे ने बताया कि आज के बच्चों के परिजन यह जरूर सोच रखते हैं कि उनके बच्चे टीवी पर आये हैं, पर यह ध्यान रखना जरूरी है कि नृत्य कला का बेसिक जानकारी जरूरी है. यह जानकारी शास्त्रीय नृत्य में है. शास्त्रीय नृत्य के कलाकार अन्य कला में भी डांस की प्रस्तुति प्रशिक्षण के बाद दे सकते हैं, पर यही प्रदर्शन वेस्टर्न डांसर नहीं कर सकते.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें