झुमरीतिलैया. वामपंथी व प्रगतिशील संगठनों की बैठक सोमवार को राणीसती धर्मशाला में प्रेम पांडेय की अध्यक्षता में हुई. बैठक में नेताओं ने फांसीवादी व सांप्रदायिक ताकतों के आह्वान को नकारते हुए कन्हैया कुमार की सभा को ऐतिहासिक बनाने के लिए सभी संगठनों व कोडरमा की जनता को सफलता के लिए बधाई दी.
बैठक में सभा में आरएसएस-बजरंग दल के कुछ सदस्यों द्वारा लोकतांत्रिक व्यवस्था के विरोध में काला झंडा दिखाने का प्रयास करना और बाद में जत्था के बस पर पत्थर चलाने की निंदा की गयी. नेताओं ने कहा कि पूरे मामले में पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही है. अखबारों के माध्यम से पहले से खबर आ रही थी, कि कुछ लोग सभा में बाधा पहुंचाने का प्रयास करेंगे, इसके बावजूद जिला प्रशासन ने कोई माकूल व्यवस्था नहीं की. बैठक में जिला पुलिस प्रशासन की भी निंदा की गयी. बैठक में घटना के खिलाफ 30 अगस्त को झुमरीतिलैया में आक्रोश मार्च निकाला जायेगा.
वामपंथी दलों के संगठनों के अलावा सभी धर्म निरपेक्ष दलों को आक्रोश मार्च में शामिल होने का आह्वान किया गया. मौके पर सीपीआइ के जिला सचिव महादेव राम, डीवाइएफआइ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय पासवान, सीटू के प्रेम प्रकाश, एसएफआइ के महेश भारती, बिनोद विश्वकर्मा, उदय द्विवेदी, दामोदर यादव, रवि पासवान, अर्जुन यादव, प्रकाश रजक, पुरुषोतम यादव, अजय पांडेय मौजूद थे.
सत्ता पक्ष के दबाव में काम रही है पुलिस : भुनेश्वर : कोडरमा. सीपीआइ के वरिष्ठ नेता सह हजारीबाग के पूर्व सांसद भुनेश्वर मेहता ने कहा है कि रामगढ़, हजारीबाग, कोडरमा में एआइवाइएफ-एआइएसएफ के कार्यक्रम में हजारों लोगों ने भाग लिया व जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के सभा को सफल बनाया. उन्होंने सभा को सफल बनाने के लिए आमजनों, बुद्धिजीवी, छात्र, नौजवानों एवं प्रगतिशील लोगों के प्रति आभार जताया. कोडरमा में सभा के दौरान हुए विरोध पर उन्होंने पुलिस प्रशासन के साथ ही भाजपा व सरकार पर सवाल उठाये. पूर्व सांसद ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा कुछ दिनों से मीडिया में बयान देकर विरोध जताया जा रहा था. रामगढ़, हजारीबाग में ऐसे लोगों की एक न चली. कोडरमा में इन लोगों द्वारा काला झंडा दिखाते हुए हंगामा किया गया. उन्होंने कहा कि पुलिस प्रसाशन को जब पहले से मालूम था कि इन असामाजिक तत्वों द्वारा कार्यक्रम का विरोध किया जायेगा तो समय रहते ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई. उन्होंने कहा कि पूरे मामले में प्रशासन व पुलिस असफल रही है. पुलिस ने विरोध करने वाले को पकड़ कर छोड़ दिया. विरोध जिस विशाल भदानी के नेतृत्व में किया गया, वह स्थानीय विधायक प्रतिनिधि भी है, इसलिए लगता है कि पुलिस ने मंत्री व सत्तापक्ष के दबाव में उसे छोड़ दिया. इससे इन लोगों का मनोबल बढ़ा और वाहन पर पत्थरबाजी की गयी. मेहता ने कहा कि इस मामले को लेकर लगभग एक दर्जन लोगों को नामजद किया गया है. उन्होंने आह्वान किया कि पुलिस भाजपाई-आरएसएस गुंडों को गिरफ्तार करें, अगर पुलिस प्रशासन आरोपियों को नहीं पकड़ती है, तो इसके खिलाफ सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन होगा. घटना को लेकर राज्यभर में प्रधानमंत्री का पुतला फूंका जायेगा. सभा में हुए विरोध पर सीपीआइ जिला मंत्री महादेव राम, हजारीबाग जिला सचिव कृष्ण कुमार, सीपीआइ के राज्य कार्यालय सचिव अजय सिंह, एआइवाइएफ के जिलाध्यक्ष अर्जुन सिंह, सीपीआइ कोडरमा अंचल मंत्री प्रकाश रजक, उप प्रमुख वीरेंद्र यादव, सोनिया देवी, प्रदीप रजक आदि ने भी रोष जताया है.
विरोध करनेवालों को गिरफ्तार करें पुलिस : माले : इधर, भाकपा माले ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कन्हैया कुमार की सभा में जताये गये विरोध व हंगामे की निंदा की है. पार्टी के जिला सचिव मोहन दत्ता, राज्य कमेटी सदस्य श्यामदेव यादव, पूर्व जिप सदस्य रामधन यादव, इब्राहिम अंसारी आदि ने कहा है कि कन्हैया के आगमन पर लोकतंत्र की हत्या कर आएसएस के लफुओं ने जिस तरह ब्लाक मैदान में व्यावाधन पैदा करने की कोशिश की और रथ का शीशा तोड़ा उससे साफ है कि सारा काम पुलिस, सत्ता के दबाव में मौन समर्थन से हुआ. नेताओं ने तोड़-फोड़ के आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की. मांग करनेवालों में नागेश्वर प्रसाद, राजकुमार पासवान, संदीप कुमार, विजय पासवान, ईश्वरी राणा, रानी देवी, तुलसी राणा, असगर अंसारी, अजय पांडेय, सविता सिंह, नीलम शाहबादी, विरेंद्र यादव, राजेंद्र यादव, भोला यादव, अशोक यादव शामिल है.
50 हजार का नुकसान: इधर, ब्लाॅक मैदान में आयोजित सभा में विरोध व लॉग मार्च में शामिल रथ में तोड़फोड़ को लेकर सकिंद्र कुमार निवासी कांको ने जो मामला तिलैया थाना में दर्ज कराया है. इसमें लोकतंत्र के अधिकार का उल्लंघन का जिक्र करते हुए तोड़फोड़ व इससे 50 हजार का नुकसान करने की बात कही है. कांड संख्या 261/17 में विशाल भदानी समेत कई लोगों को नामजद किया गया है. आरोप है कि सभा में विरोध करने के बाद पुलिस ने पहले विशाल को पकड़ा और कुछ देर में ही छोड़ दिया. इसके कुछ ही देर बाद ओवरब्रिज बस स्टैंड के पास 20-25 युवकों ने रथ पर पथराव कर शीशे तोड़ दिये और पोस्टर को फाड़ दिया.