खूंटी : मरांङ्ग गोमके जयपाल सिंह मुंडा ने ओलिंपिक में भारत को हॉकी में पहला गोल्ड मेडल दिलाया. आजादी के बाद राजनीति में सक्रिय भूमिका निभायी. सबसे पहले अलग झारखंड राज्य की मांग की. संविधान निर्माण में योगदान दिया और आदिवासियों के लिए अहम प्रावधान करवाये.
इतना सब कुछ करने वाले मराङ्ग गोमके का गांव आज भी उपेक्षित है. उनके गांव को आदर्श ग्राम घोषित कर दिया गया, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई बदलाव नहीं दिखता. जयपाल सिंह मुंडा के पैतृक गांव टकरा की तस्वीर आम गांवों के जैसी ही है. हालांकि, अब कुछ सकारात्मक बदलाव शुरू हो रहे हैं.
कई योजनाएं बनी हैं. यदि ये योजनाएं धरातल पर उतरती हैं, तो गांव की तस्वीर बदल सकती है. गांव के पास एक चेकडैम प्रस्तावित है, जिस पर 10 करोड़ रुपये की लागत आयेगी. एसडीओ हेमंत सती ने बताया कि जल्द ही गांव के पास इस चेकडैम का निर्माण किया जायेगा.
उन्होंने बताया कि इस चेकडैम के बन जाने का लाभ ग्रामीणों को होगा. लगभग तीन हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जा सकेगी. वहीं, गांव में पेयजल आपूर्ति की समस्या भी इससे दूर होगी.

जयपाल के पैतृक आवास को बनाया जायेगा म्यूजियम
जयपाल सिंह मुंडा का पैतृक आवास, जो अब खंडहर में तब्दील हो चुका है, उसे म्यूजियम के रूप में विकसित किया जायेगा. टकरा में बने सामुदायिक भवन का आज तक उद्घाटन नहीं हो पाया और देखते ही देखते यह जर्जर हो गया. अब इसके भी दिन बहुरेंगे. उक्त भवन की आनन-फानन में मरम्मती करा दी गयी है. शनिवार को केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा कई योजनाओं का भी शिलान्यास-उद्घाटन करेंगे.
टकरा में बदलाव की उम्मीद से ग्रामीणों में खुशी की लहर
टकरा में बदलाव की उम्मीदें देखकर ग्रामीणों ने खुशी का इजहार किया है. ग्राम प्रधान जोन कच्छप ने कहा कि योजनाओं के शुरू होने की खबर से काफी खुशी हुई है. लेकिन, अभी सिर्फ उम्मीदें ही हैं. योजनाएं शुरू हो जाने के बाद ही संतुष्टि होगी. हालांकि, पहल से सभी ग्रामीण खुश हैं. गांव के महेंद्र पहान ने कहा कि अब उम्मीद है कि गांव की उन्नति का सपना साकार होगा. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से भी ग्रामीणों को काफी उम्मीदें हैं.
Posted By : Mithilesh Jha