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कुंदन पाहन का भाई डिंबा ने किया सरेंडर

खूंटी : भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर डिंबा पाहन ने शनिवार को खूंटी एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा के समक्ष सरेंडर कर दिया. डिंबा पर पुलिस ने 15 लाख रुपये के इनाम की घोषणा कर रखी थी. डिंबा पाहन भाकपा माओवादी के पूर्व जोनल कमांडर कुंदन पाहन व श्याम पाहन का भाई है. उसके खिलाफ रांची […]

खूंटी : भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर डिंबा पाहन ने शनिवार को खूंटी एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा के समक्ष सरेंडर कर दिया. डिंबा पर पुलिस ने 15 लाख रुपये के इनाम की घोषणा कर रखी थी. डिंबा पाहन भाकपा माओवादी के पूर्व जोनल कमांडर कुंदन पाहन व श्याम पाहन का भाई है. उसके खिलाफ रांची और खूंटी में 18 मामले दर्ज हैं. उसने स्वीकार किया है कि वह विधायक रमेश सिंह मुंडा, डीएसपी प्रमोद कुमार और स्पेशल ब्रांच के इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार की हत्या में शामिल था. पुलिस के मुताबिक उसके खिलाफ दर्ज अधिकतर मामले हत्या के हैं.

कुंदन कहां है, इसकी जानकारी नहीं : डिंबा पाहन के सरेंडर करने की सूचना मिलने के बाद रांची रेंज के डीआइजी आरके धान, सीआरपीएफ के डीआइजी राजीव राय व सीआरपीएफ के कमांडेंट राजकुमार खूंटी पहुंचे. उन्होंने डिंबा की सराहना की और दूसरे नक्सलियों को भी मुख्यधारा से जुड़ने की अपील की.
कुंदन पाहन का…
डीआइजी ने डिंबा पाहन को 15 लाख का चेक सौंपा. डिंबा पाहन ने बताया कि उनके भाई कुंदन पाहन व श्याम पाहन कहां हैं, इस बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है.
संगठन की कोई नीति नहीं रही : डिंबा पाहन ने पत्रकारों को बताया कि माओवादी संगठन की अब कोई नीति नहीं रह गयी है. संगठन के सभी सदस्यों का एक ही मकसद रह गया है, लेवी वसूलना और पुलिस मुखबिर बता कर निर्दोष लोगों की हत्या करना. डिंबा पाहन ने अपने भाई कुंदन पाहन और श्याम पाहन से अपील किया है कि वे भी मुख्यधारा से जुड़ें. पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दें. उसने बताया कि संगठन में जातिवाद का बोलबाला हो गया है. जातिवाद की आड़ में ही गुटबाजी कर शीर्षस्थ नेताओं ने उसके भाई कुंदन पाहन को संगठन से निकाल दिया है.
भाकपा माओवादी का जोनल कमांडर था 15 लाख का इनामी डिंबा
रमेश सिंह मुंडा, डीएसपी प्रमोद कुमार और स्पेशल ब्रांच के इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार की हत्या में शामिल था
खूंटी एसपी को सौंपे हथियार
चार बार जेल जा चुका है
डिंबा पाहन 1998 में भाकपा माओवादी संगठन से जुड़ा था. 2008 तक वह चार बार पुलिस की गिरफ्त में आया और जेल गया. 2008 में रिहा होने के बाद वह संगठन में दोबारा शामिल हो गया.

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