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एसआइटी से करायी जाये चुनाव धांधली की जांच

नयी दिल्ली : झारखंड में 11 जून को दो सीटों के लिए हुई राज्यसभा चुनाव की जांच सीबीआइ या हाइकोर्ट के नेतृत्व में गठित एसआइटी से करायी जाये. झारखंड के पांच विपक्षी दलों ने झारखंड विकास मोरचा के प्रमुख बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में शुक्रवार को चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंप कर यह मांग की. […]

नयी दिल्ली : झारखंड में 11 जून को दो सीटों के लिए हुई राज्यसभा चुनाव की जांच सीबीआइ या हाइकोर्ट के नेतृत्व में गठित एसआइटी से करायी जाये. झारखंड के पांच विपक्षी दलों ने झारखंड विकास मोरचा के प्रमुख बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में शुक्रवार को चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंप कर यह मांग की. ज्ञापन में मुख्यमंत्री व कांग्रेस विधायक निर्मला देवी के पति योगेंद्र साव से मुख्यमंत्री की मुलाकात और आइपीएस अधिकारी एडीजी अनुराग गुप्ता व योगेंद्र साव के बीच हुई बातचीत की रिकार्डिंग भी आयोग को सौंपी गयी.
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में सत्ता तंत्र का बेजा इस्तेमाल किया गया. झारखंड सरकार ने धनबल और बाहुबल का प्रयोग कर चुनाव जीता. इस मामले में झारखंड के एडीजी अनुराग गुप्ता की भूमिका संदिग्ध रही है. राज्यसभा चुनाव के एक दिन पहले कांग्रेस विधायक निर्मला देवी को लालच देने की कोशिश की गयी और खुद मुख्यमंत्री योगेंद्र साव के घर गये. उन्हें लालच व डरा-धमका कर अपने पाले में लाने की कोशिश की गयी. बाबूलाल मरांडी ने इस चुनाव को रद्द करने, एडीजी को बर्खास्त करने और इस मामले में पैसे के लेन-देने की जांच की मांग चुनाव आयोग से की.
झामुमो नेता संजीव कुमार ने कहा कि राज्य में पहली बार विधायक को डराने-धमकाने के लिए किसी पुलिस अधिकारी का उपयोग किया गया है. सीडी की सत्यता की जांच कर आयोग से उचित कार्रवाई की मांग की गयी. उन्होंने कहा कि आयोग की पूर्ण पीठ ने हमारी मांगों को गंभीरता से सुन कर उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है. झामुमो सांसद इस मामले को राज्यसभा में उठाने का भी नोटिस दे चुके हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय ने कहा कि भाजपा ने नयी तकनीक का इस्तेमाल कर चुनाव जीता है. विधायकों पर झूठा केस दर्ज कर उन्हें वोट डालने से रोका गया. स्टिंग ऑपरेशन से सच्चाई सामने आ गयी है.
राजद के प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा ने कहा कि राज्य की जनता का लोकतंत्र में विश्वास बना रहे, इसके लिए राज्यसभा चुनाव को रद्द किया जाना चाहिए. विधायकों को डरा-धमका कर चुनाव जीता गया है, इसलिए पूरा विपक्ष लोकतंत्र में विश्वास बहाली के लिए कानूनी व नैतिक लड़ाई लड़ता रहेगा. प्रतिनिधिमंडल में सुबोधकांत सहाय, गौतम सागर राणा, झामुमो के राज्यसभा सांसद संजीव कुमार और जदयू के राज्यसभा सांसद हरिवंश शामिल थे.
गौरतलब है कि 11 जून को राज्य की दो सीटाें पर हुए चुनाव में विपक्ष के प्रत्याशी झामुमो नेता बसंत सोरेन की हार हो गयी थी और दोनों सीटें भाजपा ने जीती थी. इसके बाद से ही इस चुनाव में धांधली का आरोप विपक्ष लगाता रहा है.

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