खूंटी : प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश बिपीन बिहारी की अदालत ने बुधवार को मुरहू के आजाद बस्ती निवासी अरशद खां को अपनी पत्नी चांदनी उर्फ नजराना की हत्या करने के मामले में दोषी करार दिया. न्यायालय ने अरशद को धारा 304(बी) के तहत 14 साल जबकि धारा 328 में पांच साल की सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना लगाया है.
अरशद खां खूंटी जेल में बंद है. गत तीन अगस्त 14 को चांदनी उर्फ नजराना के पिता गफ्फार खां (गया निवासी) ने मुरहू थाना में अपने दामाद अरशद खां, ससुर मनान खां, ननद रोजी खातून, गोतिनी सबाना परवीन, सास समरून निशा, भैंसूर आजाद खां के खिलाफ (कांड संख्या 58/14) एक मामला दर्ज कराया था. जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि पति अरशद खां सहित उक्त आरोपियों ने मिल कर उनकी पूत्री चांदनी को पहले जहर खिलाया, फिर गला दबा कर उसकी हत्या कर दी. शिकायत दर्ज होने के बाद मुरहू पुलिस ने अरशद खां को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. सुनवाई के क्रम में न्यायालय में अभियोजन पक्ष से आठ, जबकि बचाव पक्ष से तीन गवाहों के बयान दर्ज किये गये.
अभियोजन पक्ष से सुशील कुमार जायसवाल ने ठोस दलीलें दी.
लेबोरेटरी टेस्ट में जहर की पुष्टि : पोस्टमार्टम के बाद चांदनी के बिसरा की फोरेंसिक जांच करायी गयी. जिसमें चांदनी को अल्युमीनियम फॉस्फाइट नामक जहर खिलाये जाने की पुष्टि हुई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाये जाने व पीछे के हिस्से में किसी वजनी चीज से प्रहार किये जाने की भी पुष्टि हुई.