बाबा आम्रेश्वर धाम
खूंटी : बाबा आम्रेश्वर धाम अंगराबाड़ी में श्रावणी महोत्सव की तैयारी जोरों पर है. सावन माह में राज्य के विभिन्न जगहों से लाखों की तादाद में भक्त भोले बाबा के दर्शन व जलाभिषेक को यहां आते हैं. आम्रेश्वर धाम स्थित शिवालय, दुर्गा मंदिर, राम मंदिर, काली मंदिर, गणेश मंदिर सहित धाम में मौजूद सभी मंदिरों का रंगरोगन अंतिम चरण पर है. सभी मंदिरों की सुंदरता अभी से ही देखते बन रही है. अंगराबाड़ी को लोग मिनी बाबाधाम के नाम से भी पुकारते हैं. सावन को लेकर अभी से ही यहां भक्ति की बयार बहने लगा है. भोले बाबा के इस धाम में जितने मंदिर हैं सभी मनाेरम हैं.
शिवालय : मंदिर परिसर के पश्चिमी हिस्से में एक विशाल पेड़ के नीचे विद्यमान है शिवलिंग. मंदिर का सौंदर्यीकरण का कार्य अंतिम चरण पर है. इससे पूर्व शिवलिंग स्थल की पीतल की नक्काशी ओड़िशा के कारीगरों ने की है.
मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष लाल ज्ञानेंद्र नाथ शाहदेव एवं महासचिव सुरेंद्र मिश्र कहते हैं कि मंदिर के सौंदर्यीकरण के बाद इस बार सावन में भक्तों को जलाभिषेक में पहले से ज्यादा सहूलियत होगी.
पार्वती मंदिर : यह मंदिर बाबा मंदिर के एकदम सामने अभिमुख है. मंदिर के भीतर दो प्रतिमाएं एक ऊंचे चबूतरे पर स्थित है. बायीं और की प्रतिमा माता पार्वती(त्रिपुंड सुंदरी) की है. पार्वती मंदिर का शिखर लाल रंग के धागों से बंधा है. जिसे गंठबंधन कहा जाता है.
यह गंठबंधन शक्ति संबंध को अविच्छिन्न बनाये रखने की परंपरा का निर्वह्न करता है.
दुर्गा मंदिर : धाम के पूर्वी हिस्से में यह मंदिर स्थित है. 108 फीट ऊंची इस मंदिर के निर्माण में करीब 50 लाख से ज्यादा का खर्च आया है. प्रतिमा का निर्माण जयपुर के कलाकारों ने किया है. कलाकारी पूरी तरह जीवंत है. भक्तों का कहना है कि माता के दर्शन एवं मंदिर की भव्यता को देखते ही मन प्रफूलित हो जाता है.
राम मंदिर : राम-लक्ष्मण-जानकी का यह मंदिर अपने आप में भक्ति की मिसाल है. तीनों प्रतिमा काफी आकर्षक है.