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31 दिसंबर तक मुआवजा दिलाने का करेंगे प्रयास
खदान विस्तारीकरण मामले पर हुई बैठक, प्रबंधन ने कहा करकट्टा-खिलानधौड़ा में केडीएच खदान विस्तारीकरण को लेकर जारी गतिरोध का हल निकालने के लिए गुरुवार को खलारी थाना परिसर में बैठक हुई. इसमें एनके एरिया प्रबंधन के प्रतिनिधियों के अलावे खिलानधौड़ा-करकट्टा के ग्रामीण, बीपीआर माइनिंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि आरके रेड्डी व खलारी थाना प्रभारी […]
खदान विस्तारीकरण मामले पर हुई बैठक, प्रबंधन ने कहा
करकट्टा-खिलानधौड़ा में केडीएच खदान विस्तारीकरण को लेकर जारी गतिरोध का हल निकालने के लिए गुरुवार को खलारी थाना परिसर में बैठक हुई. इसमें एनके एरिया प्रबंधन के प्रतिनिधियों के अलावे खिलानधौड़ा-करकट्टा के ग्रामीण, बीपीआर माइनिंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि आरके रेड्डी व खलारी थाना प्रभारी हरेंद्र कुमार राय शामिल हुए.
खलारी : बैठक में ग्रामीणों ने मुआवजा देने संबंधी राशि व कब तक मुआवजा दिया जायेगा इसकी तिथि सुनिश्चित करने की बात कही. वहीं खिलानधौड़ा के ग्रामीणों ने पहले से प्रबंधन को एक मांग पत्र दे रखा था.
बैठक में प्रबंधन ने उस मांग पत्र का भी लिखित जवाब दिया. कहा कि कंपनी के विस्थापन व पुनर्वास नीति के अनुसार उचित मुआवजा का भुगतान किया जायेगा. बीपीआर कंपनी के कार्य प्रारंभ होने के उपरांत स्थानीय ग्रामीणों को कंपनी की आवश्यकता अनुसार कंपनी से रोजगार में प्राथमिकता देने के लिए अनुरोध किया जायेगा. स्थानीय ग्रामीणों/पीएपी को कंपनी के प्रावधान के अनुसार रोजगार में प्राथमिकता दिलाने का प्रयास किया जायेगा. कंपनी के विस्थापन व पुनर्वास नीति के तहत पुनर्वास स्थल पर सुविधाओं की व्यवस्था की जायेगी.
बैठक में ग्रामीणों द्वारा मुआवजा भुगतान की तिथि सुनिश्चित करने की मांग पर उस लिखित जवाब में ही प्रबंधन ने जोड़ दिया कि, उचित दावेदारों के मुआवजे का भुगतान 31 दिसंबर तक कराने का प्रयास किया जायेगा. प्रबंधन की ओर से केडीएच पीओ केडी प्रसाद ने हस्ताक्षर किये. प्रबंधन की ओर से एसओपी पीएंडपी यूसी गुप्ता ने कहा कि विस्थापित होनेवाले ग्रामीणों की सूची बना कर जल्द प्रबंधन के पास जमा करा दें. उधर ग्रामीणों की ओर से कहा गया कि वे गांव में जाकर सभी के साथ बैठक कर प्रबंधन के प्रस्ताव की जानकारी देंगे.
यदि सभी ग्रामीण सहमत हुए, तो जल्द ही खदान खोलने पर सहमति दे दी जायेगी. बैठक में प्रबंधन की ओर से एनके एरिया के एसओपी एके सिंह, एसओपी पीएंडपी यूसी गुप्ता, केडीएच पीओ केडी प्रसाद, सुनील सिंह, गोल्टेन यादव, पूर्व मुखिया रमेश विश्वकर्मा, वन विभाग के प्रतिनिधि सुकलू साव, बीपीआर कंपनी के प्रतिनिधि आरके रेड्डी, ग्रामीणों की ओर से मुखिया प्रतिनिधि बंटी लोहरा, राजीव सिन्हा, राजकिशोरराम पासवान, प्रेम साव, बबलू साव, विजय कुमार, अनिल पासवान सहित दर्जनों ग्रामीण उपस्थित थे.
जेहलीटांड़ की तर्ज पर नहीं मिलेगा मुआवजा
जेहलीटांड़ में आरएंडआर पॉलिसी के तहत जो मुआवजा राशि दी जा रही है, वह खिलानधौड़ा के ग्रामीणों को नहीं मिल सकेगी. यह बातें एसओपी पीएंडपी यूसी गुप्ता ने पत्रकारों से कही. उन्होंने कहा कि बोर्ड के निर्णय के अनुसार ही मुआवजा मिल सकेगा. ग्रामीणों ने जब पूछा कि जेहलीटांड़ में कैसे दिया गया, तो उनका कहना था कि सरकार बदल गयी है इसलिए नियम में भी बदलाव हुए हैं.
उल्लेखनीय है कि कोल इंडिया के रिहैबिलीटेशन एंड रिसेटलमेंट पॉलिसी के तहत एनके एरिया में अब तक मुंडा टोली, बत्तीस नंबर क्वार्टर के ग्रामीणों को मुआवजा देकर हटाया जा चुका है. पुरनाडीह व जेहलीटांड़ का विस्थापन इसी पॉलिसी के आधार पर किया गया. आरएंड पॉलिसी में कई बार बदलाव किया गया व विस्थापन की राशि में क्रमश: बढ़ोतरी की गयी. आरएंडआर पॉलिसी 2012 में कोल इंडिया ने मुआवजा पानेवालों की जो परिभाषा दी है, उसके अधीन वैसे लोग भी आयेंगे, जो अधिगृहित भूमि पर कम से कम पांच साल से रहते आ रहे हों.
इस आधार पर केडीएच के विस्तारीकरण में ही जेहलीटांड़ के ग्रामीणों को मकान के मुआवजे का अलावा परिवार के प्रति व्यस्क पुरुष को तीन-तीन लाख रुपये दिये गये. जेहलीटांड़ में यह भुगतान अब भी जारी है. इसके लिए वहां रहनेवाले परिवार को अंचल से केवल पारिवारिक सूची व आवासीय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना पड़ा.
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