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प्रशासनिक रिपोर्ट से विस्थापितों में उबाल
पिपरवार : चतरा उपायुक्त द्वारा टंडवा के आम्रपाली व पिपरवार में चल रहे रोड सेेल से जुड़ी संचालन समिति के विरूद्ध लगाये आरोपों से कोयलांचल के ग्रामीण विस्थापितों में उबाल है. राज्य सरकार को भेजे गये रिपोर्ट में संचालन समिति को दबंगों की कमेटी बताने व अवैध वसूली किये जाने के साथ-साथ नक्सली संगठन टीपीसी […]
पिपरवार : चतरा उपायुक्त द्वारा टंडवा के आम्रपाली व पिपरवार में चल रहे रोड सेेल से जुड़ी संचालन समिति के विरूद्ध लगाये आरोपों से कोयलांचल के ग्रामीण विस्थापितों में उबाल है. राज्य सरकार को भेजे गये रिपोर्ट में संचालन समिति को दबंगों की कमेटी बताने व अवैध वसूली किये जाने के साथ-साथ नक्सली संगठन टीपीसी के साथ सांठ-गांठ का आरोप लगाया गया है.
कोयलांचल में इसकी व्यापक प्रतिक्रिया हो रही है. रिपोर्ट में कमेटी को भंग करने की अनुशंसा से रोड सेल से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़े 40 गांवों के लगभग 25 हजार लोगों के समक्ष रोजी-रोटी छिनने का खतरा मंडराने लगा है. पिपरवार कोल डंप से जुड़ी संचालन समिति ने उपायुक्त की उक्त रिपोर्ट को सिरे से खारीज करते हुए मनगढ़ंत रिपोर्ट करार दिया है.
इसके विरोध में रोड सेल से जुड़े विस्थापित बेरोजगार, कोयला व्यवसायी, कोयला लिफ्टर, विस्थापित संगठन, पंचायतों के प्रतिनिधि से लेकर लोडिंग मजदूरों ने उपायुक्त की रिपोर्ट के खिलाफ मोरचा खोल दिया है. पिछले एक पखवारे से विभिन्न संगठनों द्वारा बैठकों में जिला प्रशासन की रिपोर्ट की निंदा व विरोध कर रहे हैं.
रोजी रोटी छिन जाने के भय से ग्रामीण विस्थापित आंदोलन के मूड में हैं. ग्रामीण इसे कोल डंप को बंद कराने की साजिश मान रहे हैं. मामले के बावत 12 फरवरी को पिपरवार के चिरैयाटांड़ में विशाल सभा की तैयारी की गयी है.
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