आनंद मोहन, खूंटीसे लौटकर
खूंटी के सुदूरवर्ती जंगल में स्थित गांवों में अब भी पत्थलगड़ी का अंडर करंट बरकरार है. यहां सरकारी योजनाओं को लेकर ग्रामीणों में भ्रम फैलाया जा रहा है. हालात यह है कि लोग सरकारी योजनाओं को जमीन छिन जाने से जोड़ रहे हैं.प्रभात खबर की टीम ने मंगलवार को पत्थलगड़ी से प्रभावित लोबोदा, हाबुडीह, हाटींगचैली, संगसॉन सहित दर्जनों गांव का दौरा किया. पत्थलगड़ी के एक वर्ष के बाद फिर से हो रही सुगबुगाहट की जमीनी हकीकत की पड़ताल की, तो कई चौंकानेवाले तथ्य सामने आये. कई गांवों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का पैसा लेने के लिए लोग तैयार नहीं हैं.
कारण योजना के तहत जमीन के कागजात और रसीद मांगा जाना है. ग्रामीणों का मानना है कि जमीन की रसीद और कागजात दे देने पर उनकी जमीन नहीं बचेगी. इन गांवों से पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए एक भी फॉर्म नहीं लिये गये हैं. पूर्व सांसद कड़िया मुंडा के आदर्श गांव तिलमा के भी हालात कमोबेश ऐसे ही हैं.यहां पूरी पंचायत से महज 40 से 50 लोगों ने ही फाॅर्म भरा है.
ग्रामीणों को समझाने पहुंचे अधिकारी, पर मानने को तैयार नहीं : खूंटी के सुदूरवर्ती गांवों में इस योजना को लेकर रुचि नहीं दिखाये जाने से प्रशासनिक महकमा भी परेशान है. अधिकारी ग्रामीणों के बीच पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं.ग्रामीणों को समझा भी रहे हैं. मंगलवार को खूंटी के सीओ विनोद प्रजापति और मारंगहादा थाना के प्रभारी कामेश्वर कुमार हाबुडीह गांव पहुंचे और ग्रामीणों से बात करनी चाही, तो उन्होंने इंकार कर दिया.
अधिकारी ने ग्राम प्रधान से मुलाकात करनी चाही, लेकिन नहीं मिल सके. अधिकारियों के सामने सबसे बड़ी समस्या भाषा को लेकर है. ग्रामीण हिंदी में बात करने के लिए तैयार नहीं हैं, वे किसी तरह की जानकारी नहीं दे रहे हैं. इस गांव में जाेटो मुंडा से प्रभात खबर ने बात कर मामले की तह तक जाने की कोशिश की.
जोटो मुंडा ने कहा कि उनकी उम्र 60-65 वर्ष हो गयी है. अब तक कोई सरकारी सुविधा नहीं मिली. वृद्धा पेंशन भी नहीं मिली. हम ब्लॉक आॅफिस काहे जायेंगे. जिसको बात करना है, यहां आकर बात करे. रघुनाथ मुंडा, सुनीता देवी सहित गांव के कई लोगों को यह जानकारी नहीं है कि सरकार किसानों को पैसे भी दे रही है.
प्रभात खबर की जमीनी पड़ताल
- खूंटी के दर्जनों गांवों में पत्थलगड़ी का अंडर करंट बरकरार
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को लेकर मिले चौंकानेवाले तथ्य, जमीन कागजात मांगे जाने से ग्रामीण में फैला भ्रम
- बैंक एकाउंट भी नहीं देना चाहते हैं ग्रामीण, बैरंग लौट रहे हैं कर्मचारी और अधिकारी
- लोबोदा, हाबुडीह, सहित गांवों में ग्रामीणों ने नहीं लिया एक फॉर्म, पूर्व सांसद के आदर्श गांव में चंद लोगों ने ही भरे हैं फॉर्म खूंटी से बारास्ता मारंगहादा होते हुए दर्जनों गांव का जाना हाल
हाल के दिनों में कई गांवों में हुई है पत्थलगड़ी
खूंटी से बारास्ता मारंगदाहा होते हुए डाडीगुटु, लोबादा, जोरदाग, आमटो, लोबोदा से हाबुईडीह होते प्रभात खबर की टीम ने कई क्षेत्रों को मुआयना किया. खूंटी से 40-50 किमी अंदर घनघोर जंगल में बसे कई गांवों में हाल के दिनों में पत्थलगड़ी हुई है. इस इलाके में ग्रामीण इस मुद्दे पर बात करने के लिए तैयार नहीं हैं. सड़क के किनारे बड़े-बड़े पत्थर लगाये गये हैं. इस पत्थर में ग्राम सभा और स्वशासन की बातें लिखी है़ं
खूंटी में 500 किसान चयनित किये गये हैं. ग्रामीणों को समझाया जा रहा है कि आपके हित में कई योजनाएं चल रही हैं. किसानों को पैसे दिये जा रहे हैं, लेकिन कुछ लोगों ने गलत तरीके से समझाया है. – विनोद प्रजापति, सीओ, खूंटीगांव के लोग प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का फॉर्म भी नहीं भर रहे हैं. कुछ गांव के लोग फॉर्म लेने के लिए तैयार नहीं हैं. हम उन तक पहुंच रहे हैं.
– अनुराग हेंब्रम, कर्मचारी, खूंटी