खलारी : सीसीएल एनके एरिया की डकरा साइडिंग और पुरनाडीह माइंस के अधिकारियों के बीच कोयले की क्वालिटी को लेकर ठन गयी है. साइडिंग में खराब कोयला भेजे जाने से नाराज साइडिंग के अधिकारियों ने 13 जुलाई की रात एक बजे से कोयला के आवक पर रोक लगा दी है. बताया जा रहा है कि रात में कोयले के साथ आये पत्थर के चट्टान के कारण क्रशर का ड्रम फट गया.
ड्रम फटने से क्रशर चलना बंद हो गया. घटना से नाराज साइडिंग मैनेजर राजीव रंजन ने कोयला ढो रहे डंपरों को खड़ा करा दिया. उल्लेखनीय है कि लंबे समय से ठप पड़े क्रशर को हाल ही में मरम्मत कर चालू किया गया था. आला अधिकारियों से बातचीत के बाद सोमवार की सुबह सात बजे साइडिंग में कोयला गिराया गया. साइडिंग में गिराये गये कोयले से पत्थर, मिट्टी को अलग किया गया और डोजर से रैक में लादा गया. इस विवाद के कारण आठ घंटे देर से रैक डिस्पैच हो सका. रैक बंगाल थर्मल पावर के लिए लादा जा रहा था.
आरोप तो यह भी लगाया जाता है कि प्राइवेट रैको के लिए अच्छे कोयले भेजे जाते हैं, वहीं पावर प्लांट के लिए पत्थर मिट्टी मिश्रित कोयला भेज दिया जाता है. साइडिंग में काम करने वाले सीसीएल कर्मियों का भी कहना है कि आये दिन इस तरह के मामले सामने आते हैं, जिससे परेशानी होती है. इधर आरसीएमएस के एनके एरिया अध्यक्ष बीएन पांडेय ने कहा कि देश में कोयले की सबसे ज्यादा जरूरत थर्मल पावर प्लांट को है. पांडेय ने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.