प्रयोग सफल हुआ तो सीसीएल के सभी बंद पड़े या खराब हालत में चल रहे भूमिगत खदान को नया जीवन मिलेगा
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पहली कंटिन्यूअस माइनिंग मशीन उद्घाटन के लिए तैयार
प्रयोग सफल हुआ तो सीसीएल के सभी बंद पड़े या खराब हालत में चल रहे भूमिगत खदान को नया जीवन मिलेगा डकरा : कंटिन्यूअस माइनिंग मशीन सीसीएल की सबसे बड़ी भूमिगत कोयला खदान चूरी उद्घाटन के लिए तैयार है. लगभग चार किमी. लंबा और भीतर ही भीतर दामोदर नद पार कर चुकी चूरी खदान के […]
डकरा : कंटिन्यूअस माइनिंग मशीन सीसीएल की सबसे बड़ी भूमिगत कोयला खदान चूरी उद्घाटन के लिए तैयार है. लगभग चार किमी. लंबा और भीतर ही भीतर दामोदर नद पार कर चुकी चूरी खदान के कोयला का फेस में मशीनों को पहुंचा दिया गया है. 24 जनवरी से लेकर 30 जनवरी तक पूजा पाठ कर के सभी बड़ी मशीनों को खदान के अंदर भेजा गया था.
फिलहाल कन्वेयर बेल्ट का ट्रायल चल रहा है. सब कुछ ठीक रहा तो 23 फरवरी को सीसीएल सीएमडी गोपाल सिंह उद्घाटन करेंगे. इसके बाद यहां से कोयला निकलना चालू हो जायेगा.
जानकारी के अनुसार कंटिन्यूअस माइनिंग मशीन कोयला काटने का काम करेगी, इसके बाद शटल कार कोयला को लोड और अनलोड करेगी, मशीन फंसने पर पुलर उसे निकालने का काम करेगी. रुफ और साइड सपोर्ट के लिए ट्वीन बोल्टर का इस्तेमाल होगा. कोयला को साइज में तोड़ने के लिए फीडर ब्रेकर भी खदान के अंदर काम करेगा. बैटरी हॉलर आपातकाल स्थिति में भी मशीनों को बिजली पहुंचायेगी. ये सभी मशीनें खदान के अंदर अपने निर्धारित जगह पर पहुंच गयी हैं.
जॉय माइनिंग के पूर्व इंचार्ज ओमप्रकाश यादव इंग्लैंड और अमेरिका के चार इंजीनियर नीक गिब्सन, ब्रायन, डायलन हरच, जैक और मृत्युंजय मिश्रा, मनोज भुइंया, सत्यरंजन के साथ मिल कर पिछले पांच महीने से लगातार काम किये. सभी मशीनें अलग-अलग पार्ट में जर्मनी से चूरी पहुंची थी. वर्तमान इंचार्ज सोमनाथ गांगुली अपने लगभग 70 लोगों की टीम के साथ कोयला उत्पादन की
तैयारी में है.
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