27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

महायज्ञ की पूर्णाहुति में उमड़े श्रद्धालु

खलारी : धमधमिया बी टाइप शिव काली मंदिर परिसर में आयोजित श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ हवन पूर्णाहुति व भंडारा के साथ संपन्न हो गया. यह यज्ञ 11 फरवरी से चल रहा था. यज्ञ के पूरे अनुष्ठान में 15 यजमान शामिल हुए. मुख्य यजमान उमाकांत सिंह, अजय सिंह, शशि पांडेय, रामबदन राय, रविकांत चौरसिया, अनुज पांडेय, कर्मवीर […]

खलारी : धमधमिया बी टाइप शिव काली मंदिर परिसर में आयोजित श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ हवन पूर्णाहुति व भंडारा के साथ संपन्न हो गया. यह यज्ञ 11 फरवरी से चल रहा था. यज्ञ के पूरे अनुष्ठान में 15 यजमान शामिल हुए. मुख्य यजमान उमाकांत सिंह, अजय सिंह, शशि पांडेय, रामबदन राय, रविकांत चौरसिया, अनुज पांडेय, कर्मवीर प्रजापति, शिव चौधरी, महेंद्र यादव, सुधीर सिंह, प्रयाग पांडेय, सुशील श्रीवास्तव आदि सपत्नीक शामिल हुए.

यज्ञ श्री श्री उदय नारायण त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के निर्देशन में हुआ. जिसमें यज्ञ अनुष्ठान संपन्न कराने के लिए यज्ञाचार्य राजीव रंजन मिश्र व उनकी टीम शामिल थे. यज्ञ के अंतिम दिन हवन के साथ पूर्णाहुति हुआ. साथ ही महाभंडारा का आयोजन किया गया. जिसमें आसपास के सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए. यज्ञ में रोहिणी पीओ एम पी सिंह, पुरनाडीह पीओ डीके झा, मुखिया शुशीला देवी सहित मगध-आम्रपाली एरिया के महाप्रबंधक की पत्नी शामिल हुईं.

इस अवसर पर संगीता रानी तथा जयप्रकाश ने भक्ति संगीत प्रस्तुत किया. यज्ञ को सफल बनाने में नेपाल सिंह, गोपाल सिंह, सुधीर सिंह, अवध बिहारी पांडेय, रामस्वरूप राम, आरपी वर्मा, संजय पांडेय, पयहारी भगत, प्रभु प्रसाद, केशव प्रजापति, अशोक सिंह, दीनू कर, बालमुकुंद पांडेय, भरत रजक, संजय कुमार, अभय कुमार आदि का सराहनीय योगदान रहा.

जहां नारी का सम्मान होता है वहां लक्ष्मी वास करती है : उदय नारायण त्रिदंडी स्वामी
श्री श्री उदय नारायण त्रिदंडी स्वामी जी महाराज ने अंतिम दिन प्रवचन में श्रीरामचरितमानस की चौपाई की व्याख्यान में कहा कि सिया राम मय सब जग जानी, करहुं प्रणाम जोरी जुग पानी. यदि अपना विचार पवित्र है तो सारे संसार के लोग पवित्र तथा सत्य नजर आयेंगे. यदि विचार में हीनता है तो सारा संसार असत्य ही दिखाई देगा.
उन्होंने कहा कि संसार में मनुष्य को मनुष्य से स्नेह रखना चाहिए. बड़े बुजुर्गों का विशेष सेवा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में पूजा करने कि कई विधियां हैं, जिसमें मानव पूजा भी एक पूजा है. माता-पिता का पूजा और उनकी सेवा करना, आज्ञा का पालन करना भी पूजा है. वृक्ष लगाना तथा पेड़ों और पौधे का पूजन करना भी एक पूजा है. पेड़ लगाना तो महापुण्य का काम है. जिससे पर्यावरण शुद्ध और स्वच्छ होता है. अंत में उन्होंने कहा कि यत्र नार्यस्तु पुज्यन्ते रमने देवता अर्थात जहां नारी का सम्मान होता है वहां लक्ष्मी का वास होता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें