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खूंटी : अड़की में 36.61% हुआ मतदान
खूंटी : अड़की प्रखंड में जिला परिषद सदस्य के लिए बुधवार को शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हो गया. चुनाव मैदान में सात उम्मीदवार थे. 22 दिसंबर को मतगणना के साथ उनके भाग्य का फैसला सामने आयेगा. अड़की प्रखंड में कुल 36़.61 प्रतिशत मतदान हुआ. सुबह मतदाताओं की रुचि काफी कम नजर आयी. सभी बूथों पर सुबह […]
खूंटी : अड़की प्रखंड में जिला परिषद सदस्य के लिए बुधवार को शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हो गया. चुनाव मैदान में सात उम्मीदवार थे. 22 दिसंबर को मतगणना के साथ उनके भाग्य का फैसला सामने आयेगा. अड़की प्रखंड में कुल 36़.61 प्रतिशत मतदान हुआ. सुबह मतदाताओं की रुचि काफी कम नजर आयी.
सभी बूथों पर सुबह सात बजे मतदान शुरू हो गया था. नौ बजे तक महज छह प्रतिशत ही मतदान हो सका था.11 बजे तक 17 प्रतिशत मतदान हुआ.
एक बजे तक मतदान का प्रतिशत 24 प्रतिशत हो गया. इसके बाद समय समाप्ति तक कुल 36़.61 प्रतिशत ही मतदान हो सका. सभी मतदानकर्मी वापस खूंटी लौट गये. मतदान को लेकर दक्षिणी अड़की क्षेत्र में रुचि देखने को नहीं मिली. दक्षिणी अड़की के अधिकांश गांव विवादित पत्थलगड़ी से प्रभावित क्षेत्र है.
इसके अलावा यह क्षेत्र नक्सल प्रभावित भी है. यहां दोपहर एक बजे तक कई बूथों पर एक भी मतदान नहीं हुआ था. पूर्वाह्न 11 बजे डोल्डा में तीन बूथों में से एक बूथ पर मात्र दो मत पड़े थे. दूसरे में 14 और तीसरे बूथ पर कुल 22 मत पड़े थे. दोपहर 12 बजे पत्थलगड़ी प्रभावित गांव चलगद के तीन केंद्र में से एक में शून्य मत पड़े थे.
यहां भी तीन बूथ बनाये गये थे़ दूसरे बूथ पर 22 और तीसरे पर मात्र नौ मत ही पड़े थे. लगभग 12.30 बजे सिंजुरी गांव के दो बूथ में से एक पर एक भी मतदान नहीं हुआ था. यहां बूथ संख्या 125 में 309 मतदाताओं में मात्र चार और बूथ संख्या 132 में 77 मतदाताओं के विपरीत शून्य मतदान हुआ था.
उत्तरी अड़की क्षेत्र में मतदान कुछ बेहतर रहा. बिरबांकी के बूथ संख्या 147 में दोपहर दो बजे तक 40, बूथ संख्या 144 में 78 और बूथ संख्या 146 में 111 मतदान हुआ था. लगभग ढाई बजे कोरवा में बूथ संख्या 154 में 99 और बूथ संख्या 155 में 55 मत पड़े थे. टोड़ांग में तीन बजने तक बूथ संख्या 156 में कुल 108 मतदान पड़े थे़
कोचांग में बने थे कुल 11 बूथ, एक बजे तक तीन बूथ में नहीं खुला था खाता : अड़की के कोचांग में स्थित स्टाफमैन मेमोरियल स्कूल में एक साथ 11 बूथ बनाये गये थे. इसमें साके की छह बूथ भी जोड़े गये थे. कोचांग में मतदाताओं का रुझान बहुत कम देखने को मिला. 11 में से तीन बूथों पर दोपहर एक बजे तक एक भी मत नहीं पड़े थे.
अन्य में भी मतदान की संख्या बहुत कम थी. मालूम हो कि कोचांग विवादित किस्म के पत्थलगड़ी से प्रभावित गांव है. कम मतदान होने के बाबत कोई भी अधिकारी कुछ भी बताने से तैयार नहीं थे.
हालांकि दबी जुबान से पत्थलगड़ी के कारण मतदान का बहिष्कार किये जाने की भी बात कही जा रही है. ज्ञात हो कि कोचांग पत्थलगड़ी से प्रभावित गांव रहा है.
बूथ बदलने से हुई परेशानी
अड़की के दक्षिणी हिस्से में कम मतदान होने के पीछे एक बड़ा कारण बूथों की गड़बड़ी भी रही़. कई जगहों पर मतदाताओं के बूथ बदले हुए पाये गये.
कुरूंगा और बोहंडा का बूथ सिंजुरी को बनाया गया था, तो यहां का किसी दूसरे स्थान पर बूथ बनाया गया था. जिसके कारण मतदाता अपने बूथों तक नहीं जा सके. कई जगहों पर बूथों की दूरी 12 किमी से अधिक हो गयी थी.
चाक-चौबंद थी सुरक्षा-व्यवस्था : नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्र होने के कारण अड़की के सभी बूथों में पर्याप्त मात्रा में सुरक्षाकर्मियां को तैनात किया गया था. पोलिंग पार्टियों को भी सुरक्षा प्रदान की गयी थी.
इसके अलावा अड़की के संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस की एलआरपी भी चलायी जा रही थी. एसडीपीओ कुलदीप कुमार, बीडीओ रंजीता टोप्पो, मुरहू बीडीओ प्रदीप भगत लगातार मतदान केंद्रों का भ्रमण कर रहे थे.
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