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खूंटी : बच्चों को एक ही जगह पर रखने से फैल रहा संक्रमण
खूंटी : सहयोग विलेज की दो बच्चियों की मौत की सूचना पाकर झारखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर व सदस्य भूपन साहू ने सोमवार को सहयोग विलेज का निरीक्षण किया़ बच्चों के रख-रखाव, उनके इलाज की व्यवस्था सहित अन्य बातों की जानकारी ली़ उन्होंने पाया कि स्पेशल एडॉप्शन एजेंसी के बच्चों को […]
खूंटी : सहयोग विलेज की दो बच्चियों की मौत की सूचना पाकर झारखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर व सदस्य भूपन साहू ने सोमवार को सहयोग विलेज का निरीक्षण किया़ बच्चों के रख-रखाव, उनके इलाज की व्यवस्था सहित अन्य बातों की जानकारी ली़
उन्होंने पाया कि स्पेशल एडॉप्शन एजेंसी के बच्चों को एक ही जगह रखा जाता है़ जिसके कारण संक्रमण फैल रहा है़ यहां रखे गये कुल 20 बच्चों में से सात अंडरवेट पाये गये. अध्यक्ष ने उम्र के अनुसार बच्चों को अलग-अलग रखने का निर्देश दिया़ बच्चों की देखभाल कर रही कर्मी ने बताया कि महीने में एक बार डॉक्टर आते हैं. उनके द्वारा दिये गये निर्देश के अनुसार बच्चों को पोषण दिया जाता है़ बाद में पत्रकारों से बातचीत में अध्यक्ष ने बताया कि बच्चों को मां का दूध नहीं मिल पाता है़ जिसके कारण उनका पोषण पूरा नहीं हो पा रहा है़ बच्चों की विशेष देखभाल, डॉक्टर के निर्देश के अनुसार पोषण देने तथा उनका ख्याल रखने का निर्देश दिया गया है.
छह बच्चे अब भी अस्पताल में भर्ती : सहयोग विलेज के बच्चों मेंं डिहाइड्रेशन की शिकायत है़ यहां के छह बच्चे अब भी अस्पताल में भर्ती हैं. चार सदर अस्पताल के एमटीसी में रखे गये गये हैं. वहीं एक को रिम्स रेफर किया गया है़ एक बच्चा शहर के फेथ एंड फेलिक्स अस्पताल में इलाजरत है़ अध्यक्ष आरती कुजूर ने वहां भी जाकर बच्चों का हाल देखा़
जिला की टीम ने भी की जांच : जिला प्रशासन की एक टीम भी दो बच्चियों के मौत के कारणों की जांच के लिए सहयोग विलेज गयी. पता चला कि एक बच्ची को बुखार व डिहाइड्रेशन की शिकायत थी़ वहीं दूसरी अति कुपोषित थी़ दोनों की इलाज के दौरान मौत हुई. टीम में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सुरजीत सिंह, डीसीपीओ अल्ताफ खान, कार्यपालक दंडाधिकारी रवींद्र गगराई, जिला कल्याण पदाधिकारी सुषमा नीलम सोरेंग शामिल थे़
एक बच्ची का शव परिजन ले गये : मृत बच्ची पालो टूटी का शव उसके परिजनों को सौंप दिया गया़ शव को पोस्टमार्टम के लिए थाना ले जाया गया था़ जहां परिजनों ने पोस्टमार्टम नहीं कराने का आवेदन दिया व शव अपने साथ ले गये. वहीं दूसरी बच्ची का सहयोग विलेज संस्था द्वारा अंतिम संस्कार कर दिया गया़
बच्चों को छोड़ जाती हैं बिन ब्याही माएं : सहयोग विलेज के स्पेशल एडॉप्शन एजेंसी में कई बिन ब्याही माएं बच्चे को जन्म के बाद छोड़ जाती हैं. वे बच्चे को दूध भी नहीं पिलाती हैं. जिसके कारण बच्चे को पूरा पोषण नहीं मिल पाता है़
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