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सचिवों का शोषण बंद करें
खूंटी : झारखंड राज्य पंचायत सचिव संघ ने बुधवार को मांगों को लेकर जिला समाहरणालय के समक्ष एकदिवसीय धरना व भूख हड़ताल की. धरना में प्रदेश महासंघ के महामंत्री अशोक कुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार में सरकारी कार्यालयों में सिस्टम खराब हो गया है. प्रशासन का कामकाज गिने हुए पदाधिकारी कर रहे हैं. […]
खूंटी : झारखंड राज्य पंचायत सचिव संघ ने बुधवार को मांगों को लेकर जिला समाहरणालय के समक्ष एकदिवसीय धरना व भूख हड़ताल की.
धरना में प्रदेश महासंघ के महामंत्री अशोक कुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार में सरकारी कार्यालयों में सिस्टम खराब हो गया है. प्रशासन का कामकाज गिने हुए पदाधिकारी कर रहे हैं. वरीय अधिकारी तानाशाह बने हुए हैं. नीचे तबके के पदाधिकारी एवं कर्मचारी प्रताड़ित हो रहे हैं. जिले के डीडीसी नियमों को ताक पर रखते हुए पंचायत सचिवों पर कार्रवाई कर रहे हैं.
जिनके विरुद्ध पंचायत सचिव संघ को अपनी जायज मांगों को लेकर धरना व भूख हड़ताल पर बैठने को विवश होना पड़ा है. संबंधित अधिकारी पंचायत सचिवों पर कार्रवाई व प्रताड़ित करना बंद करें, अन्यथा आंदोलन और तेज होगा. प्रदेश महासंघ के राज्याध्यक्ष गिरीश नंदन कुमार, सचिव उमेश पांडेय, अनिल वात्सयायन ने कहा कि जिले में संबंधित अधिकारियों के द्वारा पंचायत सचिवों को शाम पांच बजे के बाद बैठक में बुलाना तर्कसंगत नहीं है. पंचायत सचिवों को एक ही पंचायत का प्रभार सहित उनको मनरेगा के काम से मुक्त रखने की मांग उन्होंने की. पंचायत सचिवों को एमएसीपी तथा एसीपी का लाभ अविलंब देने, वेतन में बेवजह कटौती नहीं करने आदि मांग की.
संघ का एक प्रतिनिधिमंंडल जिले के वरीय अधिकारियों से मिला. मांगों का यथासंभव निराकरण करने का आश्वासन मिलने के बाद धरना व भूख हड़ताल को समाप्त करने का निर्णय लिया गया. प्रदर्शन में जितेंद्र सिंह बड़ाइक, सुखदेव मरांडी, रूपलााल महतो, खिरोधर मेहता, सत्यनारायण मांझी, शेषनारायण सिंह, परमेश्वर मरांडी, लखन रजक, मुन्ना, परमानंद बड़ाइक, महेश भुइंया, मनोज सिन्हा, गौरीचंद महतो, महेश प्रजापति, रामनाथ महतो, सरयु महतो, महेंद्र प्रसाद सिंह आदि शामिल थे़
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