तमाड़ : टुसु पर्व फसल की प्रचुरता की कामना का त्योहार है. भूमि की उर्वरा शक्ति की कामना, पशुओं की रक्षा, संतानोत्पत्ति आदि की कामना का त्योहार है. यह एक गरीब किसान की सुंदर कन्या टुसु की कुर्बानी को स्मरण करने का अवसर है. उक्त बातें तमाड़ पूर्वी क्षेत्र के मरधान टुसु मेला कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कालीचरण मुंडा ने कही. उन्होंने कहा कि 15 जनवरी से हमारे नये साल की शुरूआत होती है.
यह झारखंड के स्वाभिमान का प्रतीक है. सरकार से टुसु पर्व को राजकीय त्योहार का दर्जा देने की मांग के साथ ही एक सप्ताह का सरकारी अवकाश देने की बात कही. विशिष्ट अतिथि तमाड़ पूर्वी जिला परिषद सदस्य बालकृष्ण सिंह मुंडा ने कहा कि अपनी सभ्यता-संस्कृति को बचाये रखना हम सब युवा पीढ़ियों का परम कर्तव्य है. मंच का संचालन मनोज कुमार महतो एवं शांति शरण गुप्ता ने संयुक्त रूप से किया.
टुसु के गीतों से मेला हुआ गुलजार : तमाड़ पूर्वी क्षेत्र के मरधान टुसु मेला गीतों से गुलजार रहा. पंच परगना क्षेत्र के सैकड़ों लोग चौड़लों के साथ मेला में जुटे. अड़की व खूंटी के 114 फीट उंचे चौड़ल सहित सभी 36 चौड़ल आकर्षण के केंद्र रहे. मुख्य अतिथि तमाड़ के पूर्व विधायक कालीचरण मुंडा ने पूजा-अर्चना करायी. इस दौरान ढोल-मांदर की थाप पर पारंपरिक नृत्य व गीतों का सिलसिला देर शाम तक चला.
चौड़ल टीम को किया गया सम्मानित
इस अवसर पर प्रथम चौड़ल टीम झारखंड चौड़ल समिति कुंजी आंबा, अड़की को नकद 10 हजार रुपये, द्वितीय चौड़ल टीम डिंबूडीह को सात हजार रुपये तथा सभी 37 टुसु टीमों को सांत्वना पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम में उपस्थित लोग
मौके पर डाॅ जय राम महतो, प्रो शरद महतो, मेला अध्यक्ष गोविंद महतो, सृष्टिधर महतो, लक्ष्मीकांत महतो, रंजीत स्वांसी, सुकुवा महतो, राजेंद्र महतो, राधागोविंद मुंडा, अशोक मुंडा, प्रयाग सिंह मुंडा, अजय कुमार महतो, दुबराज सिंह, पंचानन मुंडा, त्रिलोचन महतो, शत्रुधन महतो, प्रह्लाद पुरान, राजकिशोर महतो, हलधर महतो, रवींद्र कुमार आदि अन्य लोग मौजूद थे.