सिमडेगा जिले में भूख से एक बच्चे की मौत हो गयी. अब सरकार एवं जिला प्रशासन अपनी शर्मनाक कृत्य पर लीपापोती करने में जुटी है. भूख से बच्चे की मौत सरकार की लापरवाही का परिणाम है. उन्होंने मामले को सदन में उठाने की बात कही. कहा कि केंद्र सरकार ने औपचारिकता पूरी करने के लिए जांच टीम झारखंड भेजा. टीम के सदस्य स्थल जांच करने के बजाय रांची में ही खाद्य सचिव से मिल कर लौट गये. कहा कि वे भूख से मौत के मामले को राष्ट्रपति के समक्ष भी उठायेंगे.
समारोह में दामु मुंडा, भोला पाहन, सोमा मुंडा, शनिका मुंडा, मार्सल बारला ने कहा कि राज्य सरकार अादिवासी एवं मूलवासियों की जमीन को हड़पने के लिए सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव लायी थी. अंतत: सरकार को बैकफुट पर आकर उक्त संशोधन प्रस्ताव को वापस लेना पड़ा. अब भूमि अधिग्रहण एवं धर्मांतरण बिल के खिलाफ लोगों को मुखर होने की जरूरत है. दयामनी बारला ने कहा कि आदिवासी एवं मूलवासी की एकता के कारण ही सरकार को सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन प्रस्ताव को वापस लेना पड़ा.
यह एकता हमेशा बनी रहनी चाहिए. कार्यक्रम का संचालन समीर तोपनो ने किया. इससे पूर्व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के लोग सीएनटी-एसपीटी एक्ट बचाओ, भाजपा हटाओ के नारे के साथ सभा स्थल पर पहुंचे. सभा में जुबेर अहमद छत्रपति शाही मुंडा, स्नेहलता कंडुलना, प्रेमशाही मुंडा, दुर्गावती ऑड़ेया, प्रीतम मुंडू, मसीह संगा, सोमा कैथा, चंद्रप्रभात सिंह मुंडा, चंद्रशेखर भगत, पतरस नाग, मुचिराय मुंडा, बुढ़ाय मुंडा, राम कुमार सिंह यादव, तरकन मुंडा, कैलाश मुंडा आदि मौजूद थे.