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ट्रैक में पानी, परिचालन ठप

इलेक्ट्रानिक मशीन पानी में डूबा, सिग्नल हुआ फेल नाले की नहीं हुई सफाई, अब रेलवे करेगा सफाई खलारी : लगातार दो दिनों से हो रही बारिश के कारण खलारी का रेलवे ट्रैक पानी में डूब गया. खलारी रेलवे यार्ड से केडी साइडिंग के बीच की करीब 200 मीटर तक पटरी पूरी तरह पानी में डूब […]

इलेक्ट्रानिक मशीन पानी में डूबा, सिग्नल हुआ फेल
नाले की नहीं हुई सफाई, अब रेलवे करेगा सफाई
खलारी : लगातार दो दिनों से हो रही बारिश के कारण खलारी का रेलवे ट्रैक पानी में डूब गया. खलारी रेलवे यार्ड से केडी साइडिंग के बीच की करीब 200 मीटर तक पटरी पूरी तरह पानी में डूब गयी.
रेल ट्रैक की विजिबलिटी शून्य हो गयी और इंजन चालकों ने रेल चलाने से मना कर दिया. हालांकि मेन लाइन में ज्यादा पानी नहीं था और पटरियां दिखाई दे रही थी. मेन लाइन से ट्रेनों का परिचालन सामान्य रहा. जब रेलवे ट्रैक पानी में डूबा, तब खाली मालगाड़ी साइडिंग में कोयला लोडिंग के लिए प्लेस किया जा चुका था. अधिकारियों को कोयला लदा रैक यार्ड तक लाने की चिंता सता रही थी. रेलवे ट्रैक में पानी घुस जाने से सिग्नल सिस्टम का मोटर प्वाइंट पानी में डूब गया. पूरा सिस्टम इलेक्ट्रॉनिक होने के कारण साइडिंग जानेवाले लाइन का सिग्नल काम करना बंद कर दिया.
रेल के संबंधित विभाग के सहायक अभियंता, जेइ व अन्य अधिकारी पानी घुसने के कारणों का जायजा लिये और रेस्क्यू शुरू कर दी. रेलवे ट्रैक से दक्षिण महावीरनगर बस्ती होकर निकट के पहाड़ी का पानी रेल लाइन में भर रहा था. जेसीबी मशीन लाकर इस पानी को मोड़ा गया. समाचार लिखे जाने तक पानी की निकासी के लिए रेल पटरी के किनारे बनी नालियों की सफाई की जा रही थी.
10 घंटे से खड़ा है साइडिंग में कोयला लदा रैक : साइडिंग से यार्ड के बीच परिचालन बंद हो जाने से पिछले 10 घंटे से केडी साइडिंग में कोयला लदा रैक खड़ा है. रैक यार्ड तक नहीं आने के कारण दूसरा-तीसरा रैक भी साइडिंग में प्लेस नहीं किया जा सका. इससे रेलवे को भाड़ा के रूप में लगभग दो से तीन करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है. खलारी स्टेशन प्रबंधक उमेश कुमार ने बताया है कि ट्रैक विजिबल होने के बाद ही इंजन भेजा जायेगा.
नाला जाम होने से पानी निकासी रूकी : रेलवे ट्रैक से पानी की निकासी के लिए बकायदा रेल पटरियों के बगल में नाली और सभी पानी की निकासी के लिए एक बड़ा नाला है. खलारी ओवरब्रीज बनने के बाद नाले के ऊपर ब्रीज आ गया. इसके बाद इसकी सफाई बंद हो गयी. धीरे-धीरे बड़ा नाला पूरी तरह बंद हो गया. रेल अधिकारियों का कहना है कि नाले की सफाई की जिम्मेवारी राज्य सरकार की है. इससे बस्ती का पानी निकलता है, लेकिन खामियाजा रेलवे को उठाना पड़ रहा है. हालांकि रेल अधिकारियों ने कहा है कि रेलवे इस नाले की सफाई करायेगी.
माॅनसून पूर्व तैयारी नहीं होने से हुई परेशानी : रेलवे ट्रैक में पानी घुसा और राजस्व नुकसान की बात आयी तो सीनियर डीइएन लातेहार को खलारी आना पड़ा. लेकिन तैयारी माॅनसून पूर्व होती तो शायद यह नौबत ही नहीं आती. रेलवे ट्रैक को पानी में डूबने से बचाने के लिए नालियां पर्याप्त हैं, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने पूर्व तैयारी नहीं की.

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