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तंत्र, यंत्र व मंत्र के बिना सफलता नहीं मिलेगी : स्वामिनी विमलानंद
चिन्मय मिशन में ज्ञानयज्ञ शुरू रांची : चिन्मय मिशन आश्रम में शुक्रवार से तीन दिवसीय ज्ञान यज्ञ प्रारंभ हो गया. चिन्मय मिशन कोयंबटूर से आयीं आचार्य स्वामिनी विमलानंद ने सफलता के सुनिश्चित मंत्र पर अपना प्रवचन दिया. उन्होंने कहा कि सफलता के लिए तीन चीजों का होना जरूरी है. इनमें तंत्र, यंत्र व मंत्र हैं. […]
चिन्मय मिशन में ज्ञानयज्ञ शुरू
रांची : चिन्मय मिशन आश्रम में शुक्रवार से तीन दिवसीय ज्ञान यज्ञ प्रारंभ हो गया. चिन्मय मिशन कोयंबटूर से आयीं आचार्य स्वामिनी विमलानंद ने सफलता के सुनिश्चित मंत्र पर अपना प्रवचन दिया. उन्होंने कहा कि सफलता के लिए तीन चीजों का होना जरूरी है. इनमें तंत्र, यंत्र व मंत्र हैं.
तंत्र वो है, जो हमारे जीवन को सरल बनाता है. उन्होंने भक्तों को कई उदाहरणों के माध्यम से बताया. सफलता की दूसरी चीज यंत्र है. चाहे वह मानव रिसोर्स हो या मैटेरियल रिसोर्स. बिना इसके काम नहीं चलता. यंत्र में सबसे खास बात यह है कि यंत्र ठीक रहे और यंत्र चलानेवाले भी ठीक होने चाहिए. ताकि, जीवन की गाड़ी ठीक से चले. स्वामिनी विमलानंदा जी ने यंत्र की भूमिका के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि यंत्र की भूमिका वो है, जो हमारे कार्य को सरल बनाये. यंत्र अगर कठिन बना दे, तो यंत्र का कोई अर्थ नहीं है.
यंत्र चलायें लेकिन, उसमें निर्भर होना भी ठीक नहीं है. उन्होंने मोबाइल का उदाहरण देकर भक्तों को समझाया. उन्होंने कहा कि पहले के दिनों में जिस वक्त हमारे पास मोबाइल नहीं था, तो उस वक्त हमारे दिमाग में मोबाइल नंबर होते थे लेकिन, जब से मोबाइल आया तब से किसी का मोबाइल नंबर जानने के लिए हम मोबाइल का सहारा लेते हैं. सफलता के लिए तीसरी बात मंत्र होता है. इसका मतलब प्रेरणा से है. ऐसे मंत्र जो हमें पावर दे, शक्ति दे, उसे मंत्र कहते हैं. हर क्षेत्र में ऐसे मंत्र होते हैं. मौके पर काफी संख्या में भक्त मौजूद थे.
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