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नजरूल इस्लाम को किया याद

जामताड़ा : संत एंथोनी स्कूल में विद्रोही कवि काजी नजरुल इस्लाम का 119वां जयंती धूमधाम के साथ बंगभाषी समिति के बैनर तले मनायी गयी. कांतिमय बनर्जी की अध्यक्षता में काजी नजरूल की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया. इस अवसर पर स्कूल के छात्र-छात्राओं ने नजरूल संगीत की प्रस्तुति देकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. कार्यक्रम […]

जामताड़ा : संत एंथोनी स्कूल में विद्रोही कवि काजी नजरुल इस्लाम का 119वां जयंती धूमधाम के साथ बंगभाषी समिति के बैनर तले मनायी गयी. कांतिमय बनर्जी की अध्यक्षता में काजी नजरूल की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया. इस अवसर पर स्कूल के छात्र-छात्राओं ने नजरूल संगीत की प्रस्तुति देकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बंगभाषी समिति के जिला सचिव सचिंद्र नाथ घोष ने कहा कि काजी नजरूल इस्लाम एक विद्रोही कवि के रूप में जाने जाते हैं.
भारत की आजादी के लिए नजरूल ने अनेक कविताएं लिखी, जिससे प्रभावित होकर लोगों ने स्वतंत्रता की प्राप्ति लिए अंगरेजों के साथ लड़ाई लड़ी. श्री घोष ने कहा कि आज के समय में बंगला भाषा के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है. झारखंड प्रदेश के 42 फीसदी बंगालियों की मातृभाषा को छीनने का षड़यंत्र रची जा रही है. बंगाली समुदाय के बच्चे बंगला भाषा को छोड़कर हिंदी में पढ़ाई करनी पड़ रही है. झारखंड प्रदेश में सभी भाषाओं की किताबें छपती है, लेकिन बंगला की किताब नहीं छपती है.
मजबूरन बच्चे अन्य भाषा को अपनाने को विवश हैं. कार्यक्रम को समिति के जिला सह सचिव डीडी भंडारी ने कहा कि काजी नजरूल इस्लाम की जयंती को कौमी एकता के रूप में मनाया जा रहा है. काजी नजरूल इस्लाम एक मुसलिम समुदाय के होते हुए भी भारत के सभी धर्मों के लोग उनकी जयंती को धूमधाम के साथ मनाते हैं. मौके पर डॉ पीके सरखेल, सेवानिवृत शिक्षक हिरनमय तिवारी, कंचन गोपाल मंडल, बासुदेव मंडल, शिशिर तिवारी, मधुरिमा घोष, नबान्न मल्लिक सहित अन्य मौजूद थे.

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