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सुबह से शाम तक लगी रही भीड़
नोटबंदी. आखिरी दिन बैंकों में निकासी करने जुटे रहे दिनभर ग्राहक नोटबंदी के आखिरी दिन बैंकों में पहले दिन जैसी भीड़ देखी गयी. अगले दो दिन तक बैंक बंद रहने की आशंका से ग्राहकों में आपाधापी मची रही. एसबीआइ व बैंक ऑफ इंडिया में अधिक भीड़ देखी गयी. मिहिजाम : शुक्रवार को बैंकों में ग्राहकों […]
नोटबंदी. आखिरी दिन बैंकों में निकासी करने जुटे रहे दिनभर ग्राहक
नोटबंदी के आखिरी दिन बैंकों में पहले दिन जैसी भीड़ देखी गयी. अगले दो दिन तक बैंक बंद रहने की आशंका से ग्राहकों में आपाधापी मची रही. एसबीआइ व बैंक ऑफ इंडिया में अधिक भीड़ देखी गयी.
मिहिजाम : शुक्रवार को बैंकों में ग्राहकों की लंबी कतारें लगी रही. स्थिति ऐसी थी बैंक खुलने से पूर्व लगी भीड़ देर शाम तक लगी रही. अगले दो दिनों के लिए बैंक में लेन-देन ठप रहने को लेकर भी ग्राहक बैंक संबंधी काम-काज निबटाने में दिनभर लगे रहे.
माह के अंतिम शनिवार तथा अगले दिन रविवार एवं नववर्ष को लेकर भी बैंक बंद रहेंगे. हालांकि बैंकों में पुराने नोट जमा करनेवाले ग्राहकों की संख्या काफी कम रही. भुगतान काउंटर पर अफरा-तफरी मची रही. नगर के सभी बैंकों में दिन के दस बजे से लेकर दोपहर के ढाई बजे तक ग्राहकों की भीड़ लगी रही. सबसे ज्यादा भीड़ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में देखी गयी. नोटबंदी की मियाद पूरी हो जाने तक सप्ताह में 24 हजार से अधिक की निकासी की सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी है. अलबता पहले जहां बैंक ग्राहकों को एक दिन में दो से पांच हजार उपलब्ध करा रहे थे. वहीं अब दस हजार तक दे पा रहे हैं.
कारोबार हो रहा प्रभावित
दुकानदार भी 100 एवं 50 के नोट पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलने पर दिक्कत महसूस कर रहे हैं. कई दुकानदारो ने बताया कि ग्राहक या तो दो हजार के नोट लेकर आ रहे हैं या फिर दस बीस के नोट दे रहे हैं. दो हजार के नोट को छुट्टा करने में परेशानी होती है. चाहकर भी सामान को नहीं बेच पाते हैं. कैशलेस सिस्टम पूरी तरह लागू होने में अभी काफी वक्त लगेगा. 90 फीसदी दुकानदारों के पास स्वाइप मशीन उपलब्ध नहीं है. महत्वपूर्ण किराना दुकानों पर भी सामान खरीदने में परेशानी होती है.
छोटे नोट नहीं मिलने से परेशान दिखे लोग
नोटबंदी के बाद नये नोट के तौर पर दो हजार के नोट बैंकों द्वारा उपलब्ध कराने से जहां लोग छोटे नोट नहीं रहने से अब तक परेशानी का सामना कर रहे हैं. वहीं बाजार में पुराने दस एवं बीस के नोट काफी संख्या में उपलब्ध हो जाने से व्यापारी वर्ग के लोग खासे परेशान है. बाजार में दो हजार के बाद दस एवं बीस के नोट के साथ दस रुपये के सिक्के से लाेग खरीदारी कर रहे हैं. 100 एवं 50 रुपये के नोट काफी संख्या में बाजार में दौड़ रहे हैं. इससे एकतरफ जहां ग्राहकों को छोटे नोट की कमी का सामना करना पड़ रहा है.
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