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शिक्षकों ने दिया गलत रिपोर्ट खामियाजा भुगतेगा विभाग

बढ़ा सरदर्द . यू-डायस का फारमेट भरने में हुई चूक जामताड़ा : शिक्षा विभाग की एक गलत रिपोर्ट पर विभाग के अनेक प्रकार की योजनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, शायद ही इसका अंदाजा विभाग के पास है. विभाग की लापरवाही के कारण शिक्षकों को यू-डायस का आंकड़ा भरने हेतु गलत फॉर्मेट दिया गया […]

बढ़ा सरदर्द . यू-डायस का फारमेट भरने में हुई चूक

जामताड़ा : शिक्षा विभाग की एक गलत रिपोर्ट पर विभाग के अनेक प्रकार की योजनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, शायद ही इसका अंदाजा विभाग के पास है. विभाग की लापरवाही के कारण शिक्षकों को यू-डायस का आंकड़ा भरने हेतु गलत फॉर्मेट दिया गया है, कई शिक्षकों ने भी गलत आंकड़ा भर दिया है. इससे न केवल बच्चे भाषा से वंचित रहेंगे, बल्कि मातृभाषा के शिक्षक, किताब, छात्रवृति से भी वंचित रहना पड़ेगा. शिक्षकों को उपलब्ध कराये गये फॅारमेट में मातृभाषा का कोड ही नहीं है जिससे शिक्षक अन्य कोड भर कर जमा दे रहे हैं. इससे झारखंड राज्य की संताली, खोरठा, मुंडारी, कुरमाली सहित अन्य झारखंडी भाषा के लोग वंचित रह जायेंगे. उपलब्ध कराये गये फॉर्मेट में उपरोक्त भाषा की सूची में नाम और कोड दर्ज नहीं है.
क्या कहते हैं एपीओ
एपीओ रवींद्र कुमार ने कहा कि उसमें सुधार कर लिया गया है. राज्य से फॉरमेट उपलब्ध कराया गया था. जो भी यूडायस जमा है उस पर भी सुधार किया जा रहा है.
जो फॉर्मेट दिया गया उसमें मातृभाषा के लिए कोड ही नहीं
आदिवासी प्रतिनिधिमंडल ने डीसी को सौंपा ज्ञापन
यू-डायस फॉर्मेट में गलत आंकड़ा भरे जाने को लेकर आदिवासी बुद्धिजीवी के एक प्रतिनिधिमंडल ने डीसी रमेश कुमार दूबे को ज्ञापन सौंप कर यू-डायस के गलत आंकड़ें को सुधार करने की मांग की है. प्रतिनिधिमंडल में शामिल जामताड़ा आदर्श मवि के शिक्षक सह राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक सुनील बास्की ने कहा कि विभाग की लापरवाही के कारण झारखंडी भाषा का नामोनिशान मिट जायेगा. बच्चों को न तो शिक्षक मिलेंगे और न ही किताब, छात्रवृति मिलेगा. कहा कि युडायस आंकड़ा के तहत बच्चों के हर चीज की जानकारी भरनी पड़ती है. इसी आंकड़े के तहत केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार योजनायें बनाती है. जब आंकड़ें ही गलत होंगे तो योजना का लाभ बच्चों को कैसे मिलेगा.

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