बच्चों काे शिक्षित करें : सांसद
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सभी के सहयोग से रंग लायेगा अभियान
बच्चों काे शिक्षित करें : सांसद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दुमका के सांसद शिबू सोरेन ने कहा कि समय का तकाजा है कि बच्चों को शिक्षित करें. पर कुछ नासमझी के करण लोगों सिर्फ बेटे को ही पढ़ाने पर ध्यान देते है. यह गलत है. बेटा-बेटी को एक समान शिक्षा दें. पढ़ेंगे तो नौकरी करेंगे […]
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दुमका के सांसद शिबू सोरेन ने कहा कि समय का तकाजा है कि बच्चों को शिक्षित करें. पर कुछ नासमझी के करण लोगों सिर्फ बेटे को ही पढ़ाने पर ध्यान देते है. यह गलत है. बेटा-बेटी को एक समान शिक्षा दें. पढ़ेंगे तो नौकरी करेंगे और वे अपना विकास खुद कर सकेंगे. सभी को शिक्षित करें. बचपन ही एक ऐसा समय है जिस समय बच्चों को शिक्षा लेने का पूरा अवसर मिलता है. सभी सहयोग करें और अभियान को सफल बनायें.
अभिभावक को करें प्रोत्साहित : इरफान
जामताड़ा विधान सभा क्षेत्र शिक्षा के मामले में काफी पिछड़ा है. इसका मूल कारण बच्चों के स्कूल नहीं जाना है. शिक्षक बच्चों को स्कूल लाने के लिए प्रोत्साहित करें. नारायणपुर प्रखंड पर अधिक फोकस करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मदरसों के बच्चों का भी नमांकन विद्यालय में होनी चाहिए. सभी जनप्रतिनिधि व शिक्षा विभाग के अधिकारी इस अभियान को सफल बनायें
शिक्षक ईमानदारी से करें काम : महतो
नाला विधायक रवींद्र महतो ने कहा कि शिक्षा व पठन-पाठन की व्यवस्था पूर्व से चली आ रही है. पर आज शत-प्रतिशत लोग पढ़ते नहीं है. इस करण शिक्षा का प्रतिशत संतोषजनक नहीं है. ऐसे कार्यक्रम चलाकर विद्यालय से दूर रहने वालों बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रेरित करने की जरूरत है, तभी लक्ष्य को पूरा कर सकते है. साथ ही अभिभावक को भी शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करने की जरूरत है. इस अभियान को सफल बनाने के लिए शिक्षक नौकरी नहीं बल्कि ईमानदारी पूर्वक अपने दायित्व को निभायें. तभी शिक्षा के लक्ष्य को पूरा कर सकते हैं.
शिक्षा से ही होगा विकास : नपं अध्यक्ष
नगर पंचायत के अध्यक्ष वीरेंद्र मंडल ने कहा कि स्कूलों में बच्चों का नामांकन कर दिया जाता है. पर उपस्थिति दिनों दिन घटती जाती है. इसके लिए शिक्षक और अभिभावक भी जिम्मेदार है. इसमें सुधार करने के लिए बच्चों और अभिभावक को जागरूक करने की जरूरत है. अभिभावक का भी कर्तव्य है कि वे बच्चों को स्कूल भेजे. ताकि बच्चे शिक्षित होंगे तो देश का विकास होगा. इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है.
छीजित बच्चों को जोड़ने का लक्ष्य : डीसी
कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे डीडीसी शांतनु कुमार अग्रहरि ने बताया कि इस अभ्यिान के माध्यम से विद्यालय ो दूर रहने वाले छह से 14 साल तक के बच्चों का नामांकन करना है. इसके लिए सभी का नियमावली के तहत काम करना है. तभी यह संभव हो पायेगा. खास कर 11 से 14 साल के बच्चों को विद्यालय से जोड़ना है. उन्होंने कहा कि जिले में 99 प्रतिशत विद्यालय ऐसे हैं जो एक सरकारी शिक्षक हैं. आनेवाले दिनों में शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी. विद्यालयों में मनोरंजन के माध्यम से मनोरंजन के साथ पढ़ाई हो. सभी अधिकारी व जनप्रतिनिधि कम से कम दो तीन विद्यालय को गोद लें. जिले के पिछड़े नारायणपुर और कुंडहित प्रखंड में अधिक फोकस किया जायेगा. ताकि यहां के छीतिज बच्चों को विद्यालय से जाड़ा जा सके.
शिक्षा जरूरी: जिप अध्यक्ष
जिप अध्यक्ष दीपिका बेसरा ने कहा कि शिक्षा नहीं तो कुछ नहीं है. इस लिए सभी बच्चों को शिक्षित करना है. शिक्षक भी ईमानदारी पूर्वक बच्चों को शिक्षा देने का काम करें. सभी मिलकर इस अभियान को सफल बनायेंगे.
बच्चों के शिक्षा पर ही किसी भी देश का भविष्य निर्भर करता है. इसके माध्यम से देश मेें तरक्की आती है ओर विकास का आयाम गढ़ा जाता है. अत: शिक्षा समाज की रीढ़ होती है.
जामताड़ा : शिक्षा विभाग की ओर से विद्यालय चलें-चलायें अभियान-2016 को लेकर मंगलवार को स्थानीय नगर भवन में जिलास्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत कस्तूरबा की छात्राओं ने स्वागत गीत से की. इसके बाद कार्यक्रम का उदघाटन सभी अतिथियों ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. कार्यक्रम को संचालन एपीओ अशोक कुमार ने किया. स्वागत भाषण डीएसइ झब्बू पंडित ने दिया.
उन्होंने कहा शिक्षा के बिना मानव का विकास संभव नहीं है. सभी व्यक्ति को शिक्षित कर समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है. इसमें सभी जनप्रतिनिधि व अधिकारी को सहयोग करने की जरूरत है. इस अभियान के माध्यम से बच्चों के अंदर छिपी प्रतिभा को निकालना है. आज भी लाखों की संख्या में बच्चे विद्यालय जाने से वंचित है. इस अभियान के माध्यम से उन्हें विद्यालय से जोड़ना है, जिसमें सभी सहयोग करें. कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डीइओ विश्वास नारायण किया. उन्होंने शिक्षा विभाग की उपलब्धियों को बताया और अभियान का सफल बनाने की अपील की.
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