जामताड़ा: वनाधिकार के गठन को लेकर समाहरणालय स्थित सभागार में बैठक की गयी. बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त सुरेंद्र कुमार ने की. मौके पर मुख्य रूप से अनुमंडल पदाधिकारी अखिलेश कुमार सिन्हा उपस्थित थे.
उपायुक्त ने बताया कि अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी अपने जीविकोपार्जन के लिए वन अथवा वन भूमि पर निर्भर है उन्हें वन भूमि पर निवास करने वाला माना जायेगा. वैसे लोगों को जीविकोपार्जन के लिए वनाधिकार पट्टा दिया जाता है.
जिससे वो अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके. इसका लाभ लेने के लिये उन्हें झारखंड सरकार के कुछ नियमों का पालन करना होगा. मौके पर जामताड़ा सीओ हेमा प्रसाद, जिला परिषद सदस्य आनंद टुडू, अस्मीता टुडू, तापस चटर्जी, सीआइ स्माइल टुडू उपस्थित थे. क्या है नियम – 75 साल से वन में निवास करता हो – आजीविका के लिए वन पर आश्रित होने का प्रमाण पत्र देना होगा. – अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी दोनों के लिए वन भूमि दखल 13 दिसंबर 2005 के पहले का होना चाहिए.