जामताड़ा : नाला में बंद पड़े खदानों को इसीएल भरने की दिशा में कोई पहल नहीं कर रही है.इस कारण कोयला की चोरी छिपीे की जा रही है. गौरतलब है कि एक वर्ष से इसीएल ने नाला में बंद पड़े 20-22 कोयला खदानों को ही भर पाया है. हर बार दो चार गड्ढों को छोड़ दिया जाता है. मासिक बैठक में जल्द गड्ढों को भरने का निर्देश दिया जाता है, लेकिन निर्देश की अवहेलना की जाती है. कभी मशीन का बहाना तो कभी वर्षा का पानी होने की बात कह कर महीनों शांत बैठ जाता है.
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नाला के बंद कोयला खदान को भरने में इसीएल की रुचि नहीं
जामताड़ा : नाला में बंद पड़े खदानों को इसीएल भरने की दिशा में कोई पहल नहीं कर रही है.इस कारण कोयला की चोरी छिपीे की जा रही है. गौरतलब है कि एक वर्ष से इसीएल ने नाला में बंद पड़े 20-22 कोयला खदानों को ही भर पाया है. हर बार दो चार गड्ढों को छोड़ […]
नतीजा नाला के बंद खदानों से कोयले की चोरी हो रही है. कभी पुलिस पकड़ती है तो कभी नहीं पकड़ पाती है. इससे क्षेत्र में कोयले को लेकर माहौल गरम रहता है. नाला के पलास्थली, कास्ता, परिहारपुर तथा बेलडांगा गांव में इसीएल के बंद पड़े खदान सबसे अधिक हैं. इन बंद खदानों से अक्सर चोरी-छिपे कोयले की चोरी हो रही है. पिछले दिन नाला पुलिस ने कोयले से लदा आठ भैसागाड़ी को जब्त किया. उन पर प्राथमिकी दर्ज कर भैंसा को जिम्मेनामा देकर छोड़ दिया गया.
कुआंनूमा बने हैं गड्ढे
चोरों ने जहां-तहां कुआंनुमा गड्ढा बना कर छोड़ दिया है. जरा सी सावधानी नहीं बरतने पर सीधे कोयले के कुंआ में गिर कर जीवन की इहलीला समाप्त हो सकती है. पलास्थली में बंद पड़े रेलवे लाइन पर भी दरारें पड़ गयी थी. नाला थाना की पुलिस एवं इसीएल के सीआइएसएफ ने कुछ दिनों तक लगातार ड्यूटी कर कोयले चोरी पर रोक लगायी थी. सूत्रों का कहना है कि लगातार कोयले की चोरी होने पर क्षेत्र के कुछ इलाका अंदर ही अंदर खोखला हो गया है. मुख्य सड़क किनारे में भी दरारें पड़ रही है. जानकारों का मानना है कि यदि समय रहते कोयले की चोरी को नहीं रोका गया तथा बंद पड़े गड्ढों को नहीं भरा गया तो कभी भी कुछ भी हादसा होने की संभावना है.
खनन टास्क फोर्स की टीम ने कई बार चलाया अभियान
जिला खनन टास्क फोर्स की टीम ने नाला क्षेत्र में अभियान चलाकर कई कोयले के अवैध डीपो को भी जब्त कर मामला दर्ज की है. इसके अलावे वाहन को भी जब्त की है. बावजूद नहीं थम रही कोयला की चोरी.
कहते हैं खनन पदाधिकारी
इसीएल के बंद पड़े खदानों को भरने के लिए हर माह की बैठक में निर्देश दिया जाता है. पिछले एक वर्ष से लगभग बीस गड्ढे ही भरे होंगे. लगभग डेढ़ सौ गड्ढे होने की संभावना जतायी जा रही है.
– भोला हरिजन, जिला खनन पदाधिकारी
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