पालोजोरी : देवघर व जामताड़ा जिला के साइबर ठगों के कारनामों से देश भर की पुलिस परेशान है. शायद ही कोई किसी राज्य की पुलिस नहीं होगी जो साइबर अपराधियों की तलाश में इन दो जिलों में नहीं पहुंची है. आम से लेकर खास तक को साइबर अपराधियों ने बैंक अधिकारी बनकर चूना लगाया है. […]
पालोजोरी : देवघर व जामताड़ा जिला के साइबर ठगों के कारनामों से देश भर की पुलिस परेशान है. शायद ही कोई किसी राज्य की पुलिस नहीं होगी जो साइबर अपराधियों की तलाश में इन दो जिलों में नहीं पहुंची है. आम से लेकर खास तक को साइबर अपराधियों ने बैंक अधिकारी बनकर चूना लगाया है. सोमवार को साइबर अपराधियों की तलाश में नयी दिल्ली पुलिस ने पालोजोरी व मारगोमुंडा थाना क्षेत्र में छापेमारी कर तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है.
नयी दिल्ली के एसआइ सुनील सिद्धु ने बताया कि पालोजोरी के डूमरकोला निवासी गिरधारी मंडल के 19 वर्षीय बेटे गंगाधर मंडल व नुनेश्वर मंडल के 26 साल के बेटे मुकेश कुमार मंडल को शिवसेना के एक सांसद के खाते से बड़ी राशि ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. जबकि मारगोमुंडा थाना क्षेत्र के चेतनारी साहू टोला निवासी महबूब राजा के पुत्र अहमद रजा को दूसरे मामले में ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. गंगाधर व मुकेश संसद मार्ग थाना कांड संख्या 85/17 के आरोपित हैं. अहमद इसी थाना के कांड संख्या 70/17 का आरोपित है.
बैंक अधिकारी बनकर मांगे थे पिन व ओटीपी : पुलिस के अनुसार दोनों युवकों ने एक सांसद को बरगला कर एटीएम पिन ओटीपी प्राप्त किया. नंबर मिलते ही उनके खाते से बड़ी रकम उड़ा ली. हालांकि दिल्ली पुलिस ने सांसद का नाम व राशि के बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. उन्होंने बताया कि तीनों के ही खाते में मोबाइल वॉलेट के माध्यम से दर्जनों बार पैसे ट्रांसफर किये गये हैं.
ट्रांजिट रिमांड पर लेने मधुपुर कोर्ट ले गयी पुलिस: दिल्ली पुलिस ने तीनों आरोपितों की मेडिकल जांच कराने के बाद ट्रांजिट रिमांड पर लेने के लिए मधुपुर कोर्ट ले गयी. टीम में एसआइ के साथ कांस्टेबल संदीप मेहरा भी थे.
पालोजोरी में साइबर अपराधी सक्रिय : थाना क्षेत्र के कई गांव साइबर अपराध की गर्त में धीरे-धीरे डूब गयी है. यहां की युवा पीढ़ी कम मेहनत में रातों रात अमीर बनने के सपने देखते हुए इस धंधे में उतर रहे हैं. कुछ गांवों में दो साल पूर्व तक बीपीएल की श्रेणी में जीवन यापन करने वाले युवक की घर की स्थिति देखते ही देखते बदल बदल गयी. उनके जीवन स्तर व रहन सहन में तेेजी से बदलाव आया है. स्थानीय प्रशासन की शिथिलता के कारण साइबर अपराध पर अंकुश नहीं लग पा रहा है.