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चपरासी जांच रहे बटखरा व तराजू
जामताड़ा : सरकार को माप-तौल विभाग से प्रतिवर्ष लाखों का राजस्व प्राप्त होता है. बावजूद विभाग की व्यवस्था पर सरकार का ध्यान नहीं है. जामताड़ा में एक मात्र चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के भरोसे कार्य का संचालन किया जा रहा है, जबकि एक ही निरीक्षक पर संताल परगना के छह जिलों का भार है. छह जिले […]
जामताड़ा : सरकार को माप-तौल विभाग से प्रतिवर्ष लाखों का राजस्व प्राप्त होता है. बावजूद विभाग की व्यवस्था पर सरकार का ध्यान नहीं है. जामताड़ा में एक मात्र चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के भरोसे कार्य का संचालन किया जा रहा है, जबकि एक ही निरीक्षक पर संताल परगना के छह जिलों का भार है. छह जिले के कार्यों में व्यस्त रहने के करण जामताड़ा को पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे हैं.
गौरतलब है कि माप-तौल विभाग के पास एक ही निरीक्षक प्रदीप कुमार है. वे जामताड़ा के अलावा संताल के छह जिलों देवघर, दुमका, पाकुड़, साहिबगंज और गोड्डा के प्रभार पर है. ऐसे में महीने में दो ही दिन आते हैं. जामताड़ा में शनिवार का दिन निर्धारित है. एक शनिवार को छोड़ कर दूसरे शनिवार को पहुंचते हैं. उनका आना भी तय नहीं रहता है. कारण किसी जिले के उपायुक्त ने विशेष कार्य के लिए बुला लेना है. सप्ताह में छह दिन वह विभिन्न जिले का काम देखते हैं.
दुकानदार लगाते हैं विभाग का चक्कर: जामताड़ा माप-तौल विभाग में एक चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी द्वारा ही सारा कार्य निबटाया जाता है. साहब आने के बाद ही दुकानदारों का काम हो पाता है. जानकारी के अभाव में दुकानदार अपनी बटखरा, कांटा को लेकर आते हैं और चले जाते हैं. दुकानदारों को दिन व तिथि भी बताया जाता है. उस दिन और तिथि में भी साहब से भेंट होगी इसका कोई गारंटी नहीं है. साहब भी करें तो क्या करें. सरकार ने उन्हें छह जिले का प्रभार दे रखा है.
कंप्यूटर ऑपरेटर नहीं, ई-चालान बनाने में परेशानी
जिले में विभाग के पास कंप्यूटर आॅपरेटर नहीं है. इस कारण ई-चालान जमा करने में भी परेशानी हो रही है. कई दिनों तक ई-चालान जमा नहीं हो पाता है. मोबाइल से ई-चालान जमा करना पड़ता है. जिसमें कई दिनों तक सर्वर के फेल रहने से भी परेशानी होती है. कंप्यूटर ऑपरेटर के नहीं होने से कार्यालय में अनेक कार्य मेनूअल किया जा रहा है.
प्रतिवर्ष देता है सौ फीसदी राजस्व
माप-तौल विभाग में भले ही सरकार पदाधिकारी एवं कर्मचारी की नियुक्ति नहीं करती हो, लेकिन यह विभाग सरकार को राजस्व देने में पीछे नहीं है. प्रति वर्ष सौ फीसदी राजस्व देता है. इस वित्तीय वर्ष का लक्ष्य 16.63 लाख है. अभी तक 5.54 लाख राजस्व जमा कर चुका है.
कर्मचारी व पदाधिकारी के अभाव में शिविर बंद
बटखरा व कांटा का भौतिक सत्यापन प्रखंड स्तर पर भी शिविर लगा कर किया जाता है, लेकिन कर्मचारी एवं निरीक्षक के अभाव में प्रखंड स्तर पर शिविर का लगाना बंद है. दुकानदारों को जिला मुख्यालय के कार्यालय में सब काम को छोड़कर बटखरा एवं कांटा के भौतिक सत्यापन करने आना पड़ता है.
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