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42 प्वाइंट पर शुरू होगा मछली पालन
जमशेदपुर. जिला मत्स्य विभाग छोटी-छोटी नदियों में मत्स्य पालन करेगा. इस नयी विधि का नाम रिवेराइन फिश फार्मिंग रखा गया है. इस साल बरसात के बाद सितंबर महीने से जिले के 42 प्वाइंट पर रिवेराइन फिश फामिंग विधि से मछली पालन किया जायेगा. इसका मुख्य मकसद ग्रामीणों को उनके गांव के आसपास ही रोजगार का […]
जमशेदपुर. जिला मत्स्य विभाग छोटी-छोटी नदियों में मत्स्य पालन करेगा. इस नयी विधि का नाम रिवेराइन फिश फार्मिंग रखा गया है. इस साल बरसात के बाद सितंबर महीने से जिले के 42 प्वाइंट पर रिवेराइन फिश फामिंग विधि से मछली पालन किया जायेगा. इसका मुख्य मकसद ग्रामीणों को उनके गांव के आसपास ही रोजगार का विकल्प प्रदान करना है. गांवों में कई नदी या जलाशय हैं, जहां सालोंभर 3 से 4 फीट पानी रहती है. जहां आसानी से मछली पालन किया जा सकता है. इसमें रोहू, कतला, मृगल आदि मछली का पालन किया जायेगा. ग्रामीण कृषि कार्य या बिजनेस के साथ मछली पालन कर सकते हैं.
अभी 27 प्वाइंट पर हो रहा मछली पालन. जिला मत्स्य विभाग के सहयोग से वर्तमान समय में 27 प्वाइंट पर रिवेराइन फिश फार्मिंग विधि से मछली पालन किया जा है. एक-एक प्वाइंट से हर साल 70-80 क्विंटल मछली का उत्पादन हो रहा है. इससे रिवेराइन फिश फार्मिंग समूह के लोगों को अच्छा फायदा हो रहा है.
रिवेराइन फिश फार्मिंग विधि से पहले साल मत्स्य बीज व फीड विभाग की ओर से मुहैया कराया जायेगा. आने वाले समय में फार्मिंग सेंटर में बढ़ोतरी की जायेगी. मछली उत्पादन बढ़ेगा, तो दूसरे राज्यों पर निर्भरता कम होगी.
अमरेंद्र कुमार, जिला मत्स्य पदाधिकारी
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