भागलपुर/जमशेदपुर. टेल्को थाना में पदस्थापित एएसआइ गिरोकांत मुर्मू द्वारा भागलपुर के अस्पताल की चौथी मंजिला से कूदकर जान देने के मामले में पुलिस को मृतक एएसअाइ के गोड्डा घर से सुसाइडल नोट हाथ लगी है. पुलिस ने सुसाइडल नोट की जांच की, जिसमें यह बात सामने आयी है कि नोट एएसअाइ द्वारा नहीं लिखी गयी है. अब पुलिस के समक्ष सवाल है कि आखिर सुसाइडल नोट किसने लिखी, कहीं उसकी हत्या की साजिश तो नहीं रची गयी. पुलिस इन सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है.
पुलिस को जांच में यह भी पता चला है कि 23 जनवरी को टेल्को थाना के सामने क्वार्टर में खुद का गला काटने वाले एएसआइ गिरोकांत मुर्मू ने पांच मई को गोड्डा के पथरगामा में खुद पर धारदार हथियार चलाया था, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था. उसे इलाज के लिए भागलपुर के अस्पताल में भरती कराया गया था. पुलिस को गोड्डा वाले घर से सुसाइड नोट मिला है. पत्नी जमशेदपुर जाकर नहीं रहना चाहती थी. पत्नी जमशेदपुर जाकर नहीं रहना चाहती थी, गांव में पंचायत भी हुई थी.
गिरोकांत का उसकी पत्नी आग्नेस से अच्छे संबंध नहीं थे. आग्नेस पाकुड़ के एक इंगलिश मीडियम स्कूल में शिक्षिका है. वह अपने बच्चों को वहीं रखती है. उसके कुछ और रिश्तेदार वहीं रहते हैं. एएसआइ की पोस्टिंग जमशेदपुर के टेल्को थाना में थी. वह अपनी पत्नी और बच्चे को वहीं ले जाकर रखना चाहता था. पत्नी अपने बच्चे की पढ़ाई का हवाला देकर फिलहाल स्थायी रूप से जमशेदपुर शिफ्ट होना नहीं चाह रही थी. इस बात को लेकर दोनों कुछ तनाव हुआ, तो गोड्डा स्थित उसके पुश्तैनी गांव घटियारी में पंचायत भी की गयी. आग्नेस का कहना है कि बाद में वह जमशेदपुर रेगुलर जाने लगी. पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे गिरोकांत के चचेरे भाई जयकांत मुर्मू और बैठका मुर्मू ने कहा कि गिरोकांत का पत्नी से संबंध मधुर नहीं थे.
घटना के पीछे साजिस की बू. गोड्डा में जहां गिरोकांत खून से लथपथ मिला था, वहां कोई हथियार या औजार बरामद नहीं हुआ था. इसके बाद उसकी आत्महत्या प्रकरण पर सवाल उठने लगे थे. चर्चा यह भी था कि गिरोकांत को नशीला पदार्थ खिला कर किसी ने धारदार हथियार से बुरी तरह वार किया और मरा समझ छोड़ दिया. मामले को दूसरा मोड़ देने के लिए सुसाइड नोट का सहारा लिया. चूंकि गिरोकांत अवसाद का इलाज करा रहा था, इसलिए मामले में ज्यादा जांच नहीं हो पायी. गिरो की पत्नी ने भी ऐसी आशंका व्यक्त की थी. क्या कहती है पुलिस की जांच. गोड्डा में जहां गिरोकांत खून से लथपथ मिला था, वहां कोई हथियार या औजार बरामद नहीं हुआ था. इसके बाद उसकी आत्महत्या प्रकरण पर सवाल उठने लगे थे. चर्चा यह भी था कि गिरोकांत को नशीला पदार्थ खिला कर किसी ने धारदार हथियार से बुरी तरह वार किया और मरा समझ छोड़ दिया. मामले को दूसरा मोड़ देने के लिए सुसाइड नोट का सहारा लिया. चूंकि गिरोकांत अवसाद का इलाज करा रहा था, इसलिए मामले में ज्यादा जांच नहीं हो पायी. गिरो की पत्नी ने भी ऐसी आशंका व्यक्त की थी.
सुसाइड नोट में पत्नी का किसी से दोस्ती का जिक्र
पुलिस के मुताबिक गिरोकांत मुर्मू के गोड्डा घर से मिले सुसाइडल नोट में उसकी पत्नी का 2011 से किसी एंथॉनी मरांडी से दोस्ती होने का जिक्र है. उस सुसाइड नोट को देख कर गिरोकांत के परिजनों का कहना है कि सुसाइड नोट गिरोकांत मुर्मू का लिखा हुआ नहीं है. गिरोकांत की बेटी रितु ने बताया कि उसके पापा की लिखावट ऐसी थी कि किसी के लिए समझ पाना मुश्किल हो जाता था, पर सुसाइड नोट एकदम साफ-साफ शब्दों में लिखा हुआ है, जैसा वे नहीं लिख सकते. ऐसे में सवाल है कि अगर सुसाइड नोट गिरोकांत ने नहीं लिखी, तो इसके पीछे कौन हो सकता है. इसके पीछे किसकी और क्यों साजिश हो सकती है. क्या उसके सुसाइड नोट की राइटिंग एक्सपर्ट से जांच करायी गयी.