इस अवसर पर आयाेजित समाराेह काे संबाेधित करते हुए झामुमाे जिलाध्यक्ष सह पूर्व विधायक रामदास साेरेन ने कहा कि आेलचिकी भाषा के जनक पंडित रघुनाथ मुर्मू ने संताल समाज काे काफी महत्वपूर्ण संस्कृति साैंपी है. माैजूदा समय में उसे बचाना चुनाैती है. सरकार झारखंड में आदिवासी कला संस्कृति भाषा काे खत्म करने का काम कर रही है.
भाजपा सरकार सीएनटी आैर एसपीटी एक्ट में संशाेधन कर मूलवासी-आदिवासियाें काे बेघर करने की याेजना बनाये बैठी है. रामदास साेरेन ने भी पंडित रघुनाथ मुर्मू काे श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर मुख्यरूप से राज लकड़ा, बाल्ही मार्डी, विनाेद डे, गुरमीत सिंह गिल, जकता साेरेन, भूपति सरदार, शशि लाेहार, छाेटे माझी, सुरेन मुर्मू, विक्टर साेरेन, राजा पूर्ति, रंजीत हांसदा, आेपन सरदार, उत्तम प्रधान, जय शंकर टुडू, ग्राम नायके बाबा, पलटन हेंब्रम, माझी बाबा फातु साेरेन माैजूद थे.