हालांकि जनसुनवाई में पदाधिकारियों ने एक-एक करके सवालों के जवाब देकर सबको संतुष्ट करने का दावा किया. साकची पुराना कोर्ट स्थित आइटीडीए के कार्यालय में चल रही जनसुनवाई में आदिवासी समुदाय की अोर से मांझी बाबा, नायके, प्रधान, आदिवासी हो समाज केंद्रीय समिति व सामाजिक व राजनीतिक संगठन से जुड़े 13 लोगों ने नगर निगम गठन पर आपत्ति दर्ज करायी. इनका कहना था कि पूर्वी सिंहभूम पांचवी अनुसूची क्षेत्र घोषित है बावजूद सरकार मानगो नगर निगम अौर जुगसलाई नगर पर्षद बनाने की प्रक्रिया शुरू कर संविधान का उल्लंघन कर रही है. प्रक्रिया को रोकने अथवा इसका कड़ा विरोध करने की चेतावनी भी दी गयी.
मानगो में नगर निगम बनाने के समर्थन में मानवाधिकार कार्यकर्ता मनोज मिश्रा, मोहम्मद कासिम परवेज ने जुगसलाई नगरपालिका में वार्डों का गठन सही ढंग से करने, ब्रह्मदेव नारायण शर्मा ने वर्षों से बसी हुई बस्ती को मालिकाना हक देने की मांग रखी. इन्होंने किया विरोध. हिचिर होरा, निरंजन सिंह पूर्ति, लक्ष्मण किस्कु, शैलेंद्र बोइपाई ने मानगो में नगर निगम अौर जुगसलाई नगर पर्षद बनाने का विरोध किया. सालखु सोरेन, भगमत सोरेन, सुशील मांझी, सुकराम किस्कु सुराइ मार्डी, लखन सोरेन, भोगता हांसदा, हरमोहन महतो, लिटा बानसिंह ने पूर्वी सिंहभूम को पांचवी अनुसूचित क्षेत्र बताकर नगर निगम बनाने को असंवैधानिक करार दिया. वहीं हरमोहन महतो ने जनसुनवाई में नगर निगम बनाने का विरोध करते हुए कहा कि सरकारी रिकार्ड में कदमा उलियान राजस्व गांव है, यहां के लोग जमीन का रेंट अब तक देते आ रहे है. बावजूद सरकार नगर निगम बनाकर जनता पर अतिरिक्त टैक्स थोपना चाहती है, जो पूरी तरह से गलत है. जनसुनवाई में 11 लोग अनुपस्थित रहे.