जमशेदपुर: टाटानगर स्टेशन में यात्री व रेल संपत्ति की सुरक्षा के लिए इंटीग्रेटेड सिक्युरिटी के तहत 47 सीसीटीवी कैमरा लगाने के काम में कोताही देख चक्रधरपुर डिवीजन के सीनियर कमांडर अनिल कुमार आग बबूला हो गये. वे शुक्रवार को निरीक्षण पर पहुंचे थे.
इस दौरान उन्होंने पाया कि स्टेशन के जिन जगहों पर कैमरा लगाने के आदेश दिये गये थे, उसका सही ढंग से पालन नहीं किया गया है. हालांकि काम में कोताही कहां से हुई है इसकी जांच की जा रही है. ज्ञात हो कि कैमरा लगाने का काम एजेंसी हॉनीवेल और रेलवे के सिगनल एंड टेली कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के अधिकारी संयुक्त रूप से कर रहे हैं.
काम में कोताही का मामला सामने आने के बाद शुक्रवार से दो सप्ताह का और समय लिया गया है. जिसके बाद सोमवार से शुरू होने वाला इंटीग्रेटेड सिक्युरिटी सिस्टम दो सप्ताह बाद शुरू किया जायेगा. निरीक्षण के उपरांत कमांडर ने कंट्रोल रूम से स्टेशन की एक-एक गतिविधियों की मॉनीटरिंग की.
कैमरे की क्वालिटी से नाखुश हुए अधिकारी:निरीक्षण में सीनियर कमांडर ने पाया कि प्लेटफॉर्म पर लगे कैमरे में 8 से 10 फीट की ज्यादा दूरी की तसवीर साफ नहीं आ रही है. कैमरा जूम करने पर इसकी जानकारी मिली. इससे किसी की पहचान में दिक्कत आ सकती है. स्टेशन परिसर में 47 कैमरे लगे हैं. स्टेशन को कवर करने के लिए 350 से अधिक कैमरा लग जाने की उम्मीद है. कमांडर कैमरे की क्वालिटी पर असंतुष्ट दिखे.
स्टेशन में 8 से 10 जगहों पर गलत या अनुपयोगी ढंग से कैमरा लगाया गया था. कैमरा लगाने वाली कंपनी और एसएंडटी ने दो सप्ताह का समय लिया है.
-अनिल कुमार चौरसिया, सीनियर कमांडर, आरपीएफ, चक्रधरपुर डिवीजन.