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केपीएस कदमा: 80 बच्चे फेल, अभिभावकों का हंगामा

जमशेदपुर : केरला पब्लिक स्कूल कदमा के नौवीं अौर ग्यारहवीं के करीब 80 बच्चे फेल हो गये हैं. जिसको लेकर छात्रों के अभिभावक ने गुरुवार को स्कूल परिसर में हंगामा किया. इस दौरान अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन पर सही तरीके से पठन-पाठन नहीं कराने का भी आरोप लगाया. साथ ही सभी फेल छात्रों को प्रोमोट […]

जमशेदपुर : केरला पब्लिक स्कूल कदमा के नौवीं अौर ग्यारहवीं के करीब 80 बच्चे फेल हो गये हैं. जिसको लेकर छात्रों के अभिभावक ने गुरुवार को स्कूल परिसर में हंगामा किया. इस दौरान अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन पर सही तरीके से पठन-पाठन नहीं कराने का भी आरोप लगाया.
साथ ही सभी फेल छात्रों को प्रोमोट करने करने की मांग कर रहे थे. काफी हंगामे के बाद स्कूल प्रबंधन ने इस मुद्दे पर एक बार फिर से विचार करने की बात कही अौर अपने निर्णय से सोमवार की सुबह 10 बजे सभी अभिभावकों को अवगत कराने की घोषणा की. इस दौरान अभिभावक ने स्कूल के प्रिंसिपल व डायरेक्टर का घेराव भी किया. स्कूल के डायरेक्टर शरत चंद्रन अौर अभिभावकों में तीखी बहस भी हुई.
क्या है पूरा मामला
केपीएस कदमा में 9 मार्च को रिपोर्ट कार्ड जारी किया गया. जिसमें नौवीं अौर ग्यारहवीं के करीब 80 छात्र फेल हो गये. फेल होने वाले छात्रों के अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन से बच्चे को पास करने की मांग की, जिसके लिए उन्हें अपनी बातों को रखने के लिए 16 मार्च को 11 बजे का समय दिया गया था. लेकिन करीब 12 बजे प्रिंसिपल शर्मिला मुखर्जी ने अभिभावकों को एक क्लास में लाकर कहा कि उनके बच्चे को प्रोमोट नहीं किया जा सकता है. इसके बाद सभी अभिभावकों ने हंगामा शुरू कर दिया. अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन पर आरोप लगाया कि अगर बच्चा उनके स्कूल में पिछले 13 साल से पढ़ रहा है इसके बाद भी अगर वह 4-5 विषयों में फेल है, तो वे फिर कैसी शिक्षा स्कूल में दे रहे हैं. सभी अभिभावक मांग कर रहे थे कि उनके बच्चे को अगली क्लास में प्रोमोट कर दिया जाये.
स्कूल में पांच साल से अभिभावक व टीचर मीटिंग नहीं हो रहा है, ताकि हम अपने बच्चे की एकेडमिक स्थिति को जान सकें या फिर हम अपनी बातों से टीचर को अवगत करा सके.
रुकमणी प्रसाद साव
स्कूल में सिर्फ पैसा कमाने का काम हो रहा है. बच्चों को जबरन फेल किया गया है. अगर कोई बच्चा पांच नंबर लाता है, तो बच्चे के साथ-साथ स्कूल के टीचर भी दोषी हैं.
कमलेश उपाध्याय
सस्ते टीचर को रख लिया गया है, जो बच्चे को पढ़ाना जानते हैं नहीं, लेकिन अगर उनकी शिकायत किसी से की जाती है, तो बच्चे को किसी ना किसी कारण से टारगेट कर लिया जाता है. धीरज मुखी

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