जमशेदपुरः स्टील कंपनियों और यूनियनों के साझा मंच एनजेसीएस में वेज रिवीजन के मुद्दे पर इंटक और अन्य यूनियनों में ठन गयी है. एनजेसीएस की पिछली बैठक में कंपनी प्रबंधनों ने मंदी का हवाला देते हुए 14.5 फीसदी एमजीबी (मिनिमम गारंटीड बेनीफिट) का प्रस्ताव दिया था. जबकि, यूनियनों ने 21 फीसदी एमजीबी की मांग की थी. इस खींचतान के बीच इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी संजीवा रेड्डी ने 18 फीसदी एमजीबी पर हामी भरने की अपनी इच्छा जता दी.
मैनेजमेंट के पक्ष में काम करने का आरोप लगाते हुए एटक, सीटू और एचएमएस ने इंटक का विरोध कर दिया. वहीं, एनजेसीएस में तय हो चुका है कि इस बार भी समझौता पांच साल के लिए होगा, ताकि हालात सुधरने के बाद फिर से बेहतर तरीके से वेज रिवीजन समझौता किया जा सके.
दो से तीन बैठक में फैसला
स्टील कंपनियों में जनवरी 2012 से ही वेज रिवीजन लंबित है. एनजेसीएस की दो से तीन बैठक में फैसला होने की उम्मीद की जा रही है. हालांकि, अगली बैठक कब होगी, यह अभी तय नहीं हुआ है.