जमशेदपुर : महानगर अध्यक्ष के रूप में दिनेश कुमार के कार्यकाल का अभी कुछ ही माह पूरा हुआ है लेकिन संगठन के अंदर विरोध के स्वर उभरने लगे हैं. यूं तो भाजपा की छवि एक अनुशासित पार्टी की है जिसमें सबकुछ पार्टी संविधान के दायरे में ही होता है. लेकिन, हाल के दिनों में साकची और घोड़ाबांधा मंडल का विवाद जिस तरह सतह पर उभर कर सामने आया है, इससे जाहिर होने लगा है कि पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है.
दो दिन पूर्व साकची मंडल में और उससे पहले घोड़ाबांधा मंडल में मंडल अध्यक्ष के खिलाफ जिस तरह से विरोध के स्वर उभरे उससे संगठन के अनुशासन के दावे पर सवाल खड़े होने लगे हैं. अगर साकची मंडल में उभरे विवाद की बात करें तो इसके पीछे जमशेदपुर पूर्वी और जमशेदपुर पश्चिम की लॉबी काम कर रही है. वहीं, घोड़ाबांधा मंडल में भी पदाधिकारियों ने सामूहिक इस्तीफा देकर मंडल अध्यक्ष को हटाने का जो दबाव बनाया है उसके पीछे भी गुटबाजी ही काम कर रही है. इस पूरे मामले में भाजयुमो जिलाध्यक्ष मनोज वाजपेयी भी विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं.
फिलहाल भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार शहर से बाहर हैं इसलिए संगठन स्तर पर कोई निर्णय नहीं हो सका है. संगठन से जुड़े हुए लोगों और कार्यकर्ताओं को उनके शहर लौटने का इंतजार है. बुधवार को वे शहर आ सकते हैं. फिलहाल दो मंडलों के अलावा अंदर ही अंदर महिला मोरचा में भी विरोध के स्वर उभर रहे हैं. संभावना है कि दिल्ली से लौटने के बाद जिलाध्यक्ष एक संयुक्त मीटिंग कर संगठन में उभरे विवाद को दूर करने की कोशिश करेंगे.
शीतला मंदिर से जुड़ा है साकची मंडल का विवाद
साकची मंडल जमशेदपुर पश्चिम और पूरब के बीच का एरिया होने के कारण विवादों में रहा है. ताजा विवाद साकची शीतला मंदिर से संबंधित बताया जाता है. भाजयुमो के जिला अध्यक्ष मनोज वाजपेयी और भाजपा के साकची मंडल सचिव विवेक पांडेय का संबंध शीतला मंदिर से है, जो हमेशा से विवाद की वजह बना रहा है. अब यह लड़ाई भाजपा के अंदर आ चुकी है. कहा जा रहा है कि मनोज वाजपेयी को रघुवर दास के जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र का समर्थन प्राप्त है जबकि विवेक पांडेय को जमशेदपुर पश्चिम (यानी सरयू राय के खेमे) के लोगों का समर्थन प्राप्त है. यहीं वजह है कि मनोज वाजपेयी को ही कार्यसमिति से हटाने की मांग उठ रही है.
घोड़ाबांधा मंडल में काम कर रहा दो ध्रुव
घोड़ाबांधा मंडल के अध्यक्ष जीतेंद्र राय को हटाने की मांग में भी दो ध्रुव काम कर रहा है. यह एरिया पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के निवास स्थान वाला है. यहां के सारे पदाधिकारियों ने अपना इस्तीफा दे दिया है, जिसको लेकर विवाद है.