वर्ष 2015 में आंखों की रोशनी कम होने के बाद मां-बेटे को भी दुकानदारी में हाथ बटाना पड़ा. आर्थिक रूप से विपन्न निरंजन ने बेटे को पढ़ा-लिखाकर बड़ा अधिकारी बनाने की इच्छा जिंदा रखी. बेटों ने भी पिता का सपना पूरा करने का ईमानदार प्रयास किया. गौरव का बड़ा भाई गोविंदा भी सीए की तैयारी तो कर ही रहा है, परिवार को आर्थिक मदद के लिए पार्ट टाइम फाइनेंस एवं टैक्स कंसल्टेंट का कार्य भी करता है.
सोशल मीडिया पर दोस्तों, शिक्षकों की बधाइयां व आशीष लगातार मिल रहे हैं. पुत्र की सफ़लता से हर्षित पिता ने बुधवार को ग्राहकों को निःशुल्क चाय पिलाकर खुशियां बांटीं. गौरव की उपलब्धि से आज़ाद मार्केट के दुकानदार भी काफी खुश हैं कि कभी उन्हें चाय पिलानेवाले लड़के ने मेहनत से तरक्की की छलांग लगायी है. भाजपा ने बुधवार को आजाद मार्केट में गौरव समेत पूरे परिवार का अभिनंदन किया. जिला अध्यक्ष दिनेश कुमार ने कहा कि गौरव शहर का मान बढ़ाने के साथ ही युवाओं के लिए प्रेरणा बन कर उभरे हैं.