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सिदगोड़ा थाने में रिश्वत लेते एएसआइ गिरफ्तार थाना प्रभारी हुए सस्पेंड
जमशेदपुर : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने मंगलवार को सिदगोड़ा थाने में पदस्थापित सहायक अवर निरीक्षक (एएसआइ) बासुदेव मेहता को 18 हजार रुपये घूस लेते रंगेहाथ थाने में ही पकड़ा. आरोप है कि बासुदेव मेहता ने ओड़िशा निवासी मोहम्मद शेख अयूब हुसैन से 25 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी. 18 हजार रुपये पर बात […]
जमशेदपुर : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने मंगलवार को सिदगोड़ा थाने में पदस्थापित सहायक अवर निरीक्षक (एएसआइ) बासुदेव मेहता को 18 हजार रुपये घूस लेते रंगेहाथ थाने में ही पकड़ा. आरोप है कि बासुदेव मेहता ने ओड़िशा निवासी मोहम्मद शेख अयूब हुसैन से 25 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी. 18 हजार रुपये पर बात बनी थी. उधर, एसएसपी अनूप टी मैथ्यू ने थाना प्रभारी राजदेव सिंह को सस्पेंड कर दिया है. एसएसपी ने बताया कि यदि थानेदारों का नीचे के अधिकारियों पर कंट्रोल नहीं है, तो वह थानेदारी के लायक नहीं हैं. इसी वजह से थानेदार को सस्पेंड किया गया है. उनकी जगह पर किसी की पोस्टिंग नहीं की गयी है.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के एसपी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि ओड़िशा के मयुरभंज जिले के रायरंगपुर (भालुबासा) निवासी मोहम्मद शेख अयूब हुसैन ने लिखित रूप से शिकायत की थी कि सिदगोड़ा थाने के सहायक अवर निरीक्षक बासुदेव महेता ने मालवाहक स्काॅर्पियो गाड़ी (जेएच05जे-5301) के सत्यापन के नाम पर उसके संबंधी नूर आलम (गोलमुरी निवासी) के माध्यम से उसे थाने बुलाया. आरोप लगाया कि उसकी मालवाहक गाड़ी गोतस्करी में लिप्त थी. शेख अयूब के मुताबिक 11 अगस्त 2016 को उसने अपनी गाड़ी शेख उस्मान को बेच दी थी. आरोप है कि गाड़ी बेचे जाने की दलील को एएसआइ ने स्वीकार नहीं किया.
जायेगी. मेहता ने धमकी दी कि अगर पैसे नहीं दिये गये तो किसी मामले में फंसा दिया जायेगा. अयूब ने इसकी शिकायत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में की. एएसआइ द्वारा मांगी जा रही रिश्वत की राशि मोलभाव के बाद 18 हजार में तय हुई. इसके बाद डीएसपी अमर पांडेय के नेतृत्व में एसीबी की टीम ने एएसआइ को रिश्वत की राशि लेते रंगेहाथों दबोच लिया.
बासुदेव का नक्सली हमले में उड़ गया था हाथ, मिला था प्रोमोशन : घूस की राशि के साथ पकड़े गये बासुदेव मेहता का एक हाथ गोड्डा जिले में हुए नक्सली हमले में उड़ गया था. इसके बाद उसे आउट ऑफ टर्म प्रोमोशन और च्वाइस पोस्टिंग दी गयी थी.
साजिश के तहत फंसाया गया : बासुदेव
मुझे साजिश के तहत फंसाया गया है. मैं उस मामले का अनुसंधानकर्ता भी नहीं हूं. मैंने पैसे की मांग नहीं की थी. पैसे किसी और ने मांगे थे और मुझे लाकर दे दिये गये. मैं अभी नाम नहीं ले सकता है कि पैसे किसके नाम पर आये थे.
-बासुदेव मेहता, आरोपी एएसआइ, सिदगोड़ा
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