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टाटा स्टील में मेडिकल एक्सटेंशन हुआ बंद

कर्मचारियों को लाखों का नुकसान जमशेदपुर : टाटा स्टील में कर्मचारियों को दिया जाने वाला मेडिकल एक्सटेंशन अब बंद कर दिया गया है. कर्मचारियों की 60 साल की रिटायरमेंट की उम्र के बाद भी यदि वे शारीरिक और मानसिक तौर पर फिट होते थे, तो उन्हें एक साल का मेडिकल एक्सटेंशन मिलता था. प्रबंधन की […]

कर्मचारियों को लाखों का नुकसान
जमशेदपुर : टाटा स्टील में कर्मचारियों को दिया जाने वाला मेडिकल एक्सटेंशन अब बंद कर दिया गया है. कर्मचारियों की 60 साल की रिटायरमेंट की उम्र के बाद भी यदि वे शारीरिक और मानसिक तौर पर फिट होते थे, तो उन्हें एक साल का मेडिकल एक्सटेंशन मिलता था.
प्रबंधन की ओर से एचआरएम विभाग को भेजे गये सर्कुलर के मुताबिक अब कर्मचारियों को यह सुविधा नहीं मिलेगी और एक्सटेंशन की रजामंदी कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट के अधिकारी ही दे पायेंगे.
जिन कर्मचारियों को वीपी की हरी झंडी मिलेगी उन्हें ही मेडिकल टेस्ट से गुजरना होगा, अन्य कर्मचारी आवेदन करने के बावजूद इसके लिए दावेदारी नहीं कर पायेंगे. गौरतलब है कि सामान्य मेडिकल जांच के बाद कर्मचारियों को मेडिकल एक्सटेंशन की सुविधा कर्मचारियों को हमेशा से मिलते आ रही थी, रिटायरमेंट के करीब तीन महीने पहले उनकी जांच करा एक्सटेंशन दे दिया जाता था, लेकिन नयी प्रक्रिया से प्रबंधन अपनी जरूरत और सुविधानुसार कर्मचारियों को हरी झंडी देगा. बताया जाता है कि टाटा वर्कर्स यूनियन के साथ आंतरिक समझौता पूर्व में ही हो गया था. कई विभागों के कमेटी मेंबरों ने इस संबंध में अपनी शिकायत यूनियन के पदाधिकारियों से की है. पदाधिकारी भी अब इस नये प्रावधान को लेकर गोलबंद हो रहे हैं और विरोध की तैयारी कर रहे हैं.
आज मैनेजमेंट से बात करेंगे : अध्यक्ष
एक सरकुलर दिया गया है कि मेडिकल एक्सटेंशन को बंद कर दिया गया है और विशेष परिस्थिति में ही किसी को एक्सटेंशन दिया जायेगा. इस पर यूनियन की सहमति नहीं ली गयी है और न ही बातचीत हुई है. शुक्रवार को वीपी एचआरएम स्तर के अधिकारियों से समय लिया गया है. मैं और यूनियन के महामंत्री, डिप्टी प्रेसिडेंट उच्चाधिकारियों के साथ बैठकर बात करेंगे.
-आर रवि प्रसाद, अध्यक्ष, टाटा वर्कर्स यूनियन
अब तक क्या था एक्सटेंशन का नियम : कोई भी कर्मचारी 60 साल की उम्र तक पहुंचने लगता था, तो तीन माह पहले उनको एक सामान्य प्रक्रिया के तहत टीएमएच में जांच करायी जाती थी, जिसमें फिट होने के बाद उन्हें एक साल का एक्सटेंशन दे दिया जाता था. इससे वह 61 साल तक नौकरी कर पाता था.
अब क्या होगा पैमाना : अब एक्सटेंशन की यह प्रक्रिया बंद कर दी गयी है. अगर कोई कर्मचारी इसके लिए आवेदन देता है, तो वाइस प्रेसिडेंट रैंक के अधिकारी की हरी झंडी अनिवार्य होगी.
क्या होगा नुकसान : एक कर्मचारी अगर एक साल अतिरिक्त काम करता है, तो उनको एक साल का पूरा वेतन अतिरिक्त मिलता है. चूंकि, कर्मचारी सीनियरिटी के हिसाब से सबसे ऊपर होता है, इस कारण उनका वेतन ज्यादा होता है. साल भर का वेतन लाखों में होता है. इसका असर रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले बेनीफिट में भी दिखेगा, जिसमें करीब पांच लाख रुपये तक के नुकसान का अनुमान है.
किन पर पड़ेगा असर : टाटा स्टील वर्क्स, ट्यूब डिवीजन, टिस्को ग्रोथ शॉप (टीजीएस), कंपनी के सभी माइंस क्षेत्र के करीब 25 हजार कर्मचारी.
ओपीडी सेवा में बुजुर्गों का नि:शुल्क किया जायेगा इलाज, डॉ उमेश खां ने कहा
पहले रविवार को वरिष्ठों को मुफ्त ओपीडी सेवा
जमशेदपुर : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से शहर के सीनियर सिटीजन के लिए एक नयी सेवा शुरू की गयी है. जिसके तहत प्रत्येक महीने के पहले रविवार को आइएमए भवन साकची में शाम चार से पांच बजे तक मुफ्त ओपीडी सेवा शुरू की जायेगी. यह सेवा आठ जनवरी को शुरू होगी. नि:शुल्क ओपीडी सेवा में सभी विभागों के डॉक्टर मौजूद रहेंगे. यह जानकारी आइएमए जमशेदपुर के अध्यक्ष डा. उमेश खा ने संवाददाता सम्मेलन में दी. जानकारी देते हुए डा. उमेश खा ने बताया कि बुर्जुग मरीजों की विशेष ध्यान देते हुए इस सेवा को शुरू किया गया है.
इसके पहले मरीजों को मंगलवार, गुरुवार और शनिवार की रात 8.30 से 9.30 बजे के बीच आइएमए भवन में आ कर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा. दर्ज रजिस्ट्रेशन की संख्या के आधार पर ही डॉक्टरों को ओपीडी में बुलाया जायेगा. ताकि सभी मरीजों का इलाज हो सके. ओपीडी को पहले महीने में एक दिन चलाया जायेगा. लेकिन मरीजों की संख्या को देखते हुए इसे हर रविवार को किया जायेगा. साथ ही आने वाले समय में मरीजों के लिए मुफ्त दवा की भी व्यवस्था की जायेगी.
आइएमए जमशेदपुर को बेस्ट सीएमई और डा. मृत्युंजय को भाटिया पुरस्कार. आइएमए जमशेदपुर को बेहतर कार्य के लिए बेस्ट सीएमई का पुरस्कार दिया गया है. वहीं, दूसरी ओर आइएमए जमशेदपुर के सचिव डा. मृत्युंजय कुमार को अमृतसर में आयोजित एक कार्यक्रम में बेस्ट सचिव की घोषणा करते हुए भाटिया पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. इस मौके पर डा. अशोक कुमार, डा. एएन प्रसाद, डा. जीसी मांझी मौजूद थे.
आइएमए के पेपर पर मिलेगी 25 प्रतिशत की छूट
डा. उमेश खां ने बताया कि आइएमए डॉक्टरों से अनुरोध कर रहा है कि आइएमए के मेडिकल पेपर पर जांच कराने आने वाले बुर्जुग मरीजों को 25 प्रतिशत की रियायत दी जाये. वहीं, अगर मरीज बहुत ही गरीब है तो उससे कम से कम फीस ले. संभव हो तो माफ भी कर दें. इसके अलावे आने वाले दिनों में मरीजों का आइकार्ड भी बनाया जायेगा. ताकि उन्हें बार बार आइएमए का पेपर लेकर जाना नहीं पड़े. साथ ही दवा लेने पर छूट के लिए भी कंपनियों से भी वार्ता चल रही है.

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